बढ़ती महंगाई के बीच टीवी देखने वाले यूजर्स के लिए राहत की खबर आई है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने पे-टीवी यूजर्स के अन्य प्लेटफॉर्म पर माइग्रेशन को रोकने के लिए डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स पर लगने वाले नेटवर्क कैपेसिटी फी (NCF) से राहत दे दी है। दूरसंचार नियामक ने DTH यूजर्स के लए नया टैरिफ ऑर्डर और रेगुलेशन जारी किया है। यह टैरिफ ऑर्डर 2017 में लाए गए DTH के टैरिफ ऑर्डर को खत्म कर देगा। TRAI द्वारा लाए गए इस संसोधन की वजह से अब पे-टीवी ग्राहकों को नेटवर्क कैपेसिटी फी (NCF) नहीं देना होगा। इसकी वजह से DTH से OTT प्लेटफॉर्म का माइग्रेशन रूक सकता है।
NCF चार्ज हटाया
TRAI द्वारा संशोधित नियम में कहा गया है कि 200 चैनल के लिए लगने वाले 130 रुपये और 200 से ज्यादा चैनल के लिए लगने वाले 160 रुपये के NCF को अब हटा दिया गया है। अब DTH ऑपरेटर्स विभिन्न क्षेत्रों, कस्टमर ग्रुप के आधार पर अलग-अलग नेटवर्क कैपेसिटी फी (NCF) चार्ज कर सकते हैं। इसके अलावा पे-टीवी यूजर्स के लिए DTH बुके बनाते समय अब 45 प्रतिशत तक का डिस्काउंट ऑफर किया जा सकता है। पहले यह 15 प्रतिशत तक ही था। ऐसे में डीटीएच ऑपरेटर्स अपनी ग्राहकों की संख्यां को बढ़ाने के लिए ज्यादा डिस्काउंट ऑफर कर सकते हैं।
DTH ऑपरेटर्स को राहत
TRAI ने अपने नए आदेश में कहा, "DPO को अब बुके बनाते समय 45 प्रतिशत तक की छूट देने की अनुमति दी गई है ताकि बुके बनाने में उन्हें लचीलापन मिल सके और उपभोक्ताओं को आकर्षक डील्स पेश किए जा सके। पहले यह केवल 15 प्रतिशत तक छूट देने की अनुमति थी।"
इसके अलावा DTH ऑपरेटर्स के लिए HD और SD चैनल्स के बीच का अंतर भी हटा दिया गया है। ट्राई ने अपने आदेश में कहा, "कैरिज शुल्क के उद्देश्य से एचडी और एसडी चैनलों के बीच अंतर हटा दिया गया है।" इसके अलावा ट्राई ने बताया कि पब्लिक ब्रॉडकास्टर यानी प्रसार भारती अपने DD Free Dish प्लेटफॉर्म को अपग्रेड करने वाला है। अब प्रसार भारती अपने फ्री-टू-एयर चैनल को एनक्रिप्टेड फॉर्म में ब्रॉडकास्ट करेगा, जिसकी वजह से पाइरेसी पर लगाम लगाया जा सकेगा।
90 दिन बाद लागू होंगे नए नियम
TRAI ने बताया कि DTH के लिए लाया गया यह नया नियम कुछ खंडों को छोड़कर आज से 90 दिन के बाद लागू होंगे। TRAI ने केबल ऑपरेटर्स और डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर के लिए 2017 में नियामक ढांचे में जोड़ा था, जिसके बाद से यूजर्स को केवल उन चैनल्स के लिए पैसे देने पड़ते थे, जिन्हें वो अपने प्लान में जोड़ना चाहते थे। ट्राई ने पहले इसके लिए NCF यानी नेटवर्क कैपेसिटी फी निश्चित की थी। पिछले कुछ सालों में जिस तरह से OTT यानी ओवर द टॉप ऐप्स का प्रचलन बढ़ गया है, DTH की तरफ से लोगों का मोहभंग हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में देश के चारों लीडिंग डीटीएच ऑपरेटर्स ने 3 मिलियन यानी 30 लाख से ज्यादा डीटीएच यूजर्स कम हो गए।
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