Solar Boat in Ayodhya: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले श्री राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी जोरों पर है। उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक नगरी अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी बना रही है। सरयू नदी में सोलर पावर इनेबल्ड इलेक्ट्रिक बोट को उतारा गया है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है, जब किसी नदी में सोलर बोट को उतारा गया है। इस सोलर इनेबल्ड बोट को यूपी सरकार के न्यू एनर्जी डेवलपमेंट ऑथरिटी (UPNEDA) ने पुणे की बोट बनाने वाली कंपनी के साथ मिलकर डिजाइन किया है। अयोध्या के अलावा इस सोलर बोट को वाराणसी की गंगा नदी में उतारा जाएगा। यह सोलर बोट कई मायनों में खास है और इसे सोलर एनर्जी के साथ-साथ बैटरी से भी ऑपरेट किया जा सकेगा।
क्यों खास है यह Solar Boat?
- जैविक ईंधन (Fossil Fuel) पर चलने वाले नाव से वायु के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी होता है। क्लीन एनर्जी वाले इस बोट में डुअल मोड ऑपरेटिंग सिस्टम लगा है, जो 100 प्रतिशत सोलर पावर पर आधारित है। इसमें सोलर के साथ-साथ इलेक्ट्रिक पावर पर ऑपरेट किया जा सकता है।
- यह एक कैटामरैन कैटेगरी की बोट है, जिसमें दो स्ट्रक्चर को साथ में जोड़ा गया है। इसमें फाइबर ग्लास की बॉडी दी गई है, जिसकी वजह से इसका वजन कम है और यह हैवी ड्यूटी ऑपरेशन करने में सक्षम है।
- इस इलेक्ट्रिक सोलर बोट में एक साथ 30 यात्री बैठ सकेंगे। इसे अयोध्या के सरयू नदी में बने 'नया घाट' से संचालित किया जाएगा। इस बोट के जरिए करीब 45 मिनट में श्रद्धालु 'अयोध्या दर्शन' कर सकेंगे।
- यह बोट सरयु किनारे बने एतिहासिक मंदिरों और धरोहरों के दर्शन कराएगा। इसे एक बार फुल चार्ज करने पर 5 से 6 घंटे तक ऑपरेट किया जा सकता है।
मिलते हैं ये फीचर्स
- इस सोलर बोट में 3.3 किलोवॉट का रूफ टॉप सोलर पैनल लगे हैं, जो 550 वॉट की एनर्जी जेनरेट कर सकते हैं।
- इसमें एक 12 वोल्ट वाला ट्विन मोटर लगा है, जो 46 किलोवॉट प्रति घंटा की कैपेसिटी वाली बैटरी से ऑपरेट होती है।
- इस सोलर इलेक्ट्रिक बोट की स्पीड 6 नॉट्स से 9 नॉट्स के बीच रहेगी।
- इसके अलावा यह रिमोट व्यूइंग कैपेसिटी से लैस है, जिसकी वजह से इस बोट का निरीक्षण कहीं से भी किया जा सकता है।
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