सरकार नए साल में देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को तोहफा दे सकती है। भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस की शुरुआत की जा सकती है। सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया के साथ-साथ एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक और अमेजन कूपियर भी रेस में हैं। दूरसंचार विभाग फिलहाल सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम अलोकेशन को लेकर जल्द फैसला ले सकता है। सरकार ने शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में इस बात की जानकारी दी है। दूरसंचार नियामक (TRAI) ने स्पेक्ट्रम अलोकेशन की शर्तों को 15 दिसंबर तक फाइनल कर सकता है।
जल्द होगा स्पेक्ट्रम अलोकेशन
दूरसंचार नियामक ने पिछले महीने 8 नवंबर को सर्विस प्रोवाइडर्स समेत अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक की थी। सरकार नए साल में सैटेलाइट सर्विस की शुरुआत करने के लिए इसके अलोकेशन में तेजी ला सकती है। रिपोर्ट्स की मानें तो जियो और एयरटेल के दबाव के बावजूद सरकार स्पेक्ट्रम का अलोकेशन एडमिनिस्ट्रेटिव तरीके से करने वाली है। इन कंपनियों ने टेरेस्टियल स्पेक्ट्रम की तरह ही स्पेक्ट्रम का अलोकेशन नीलामी प्रक्रिया से करने की मांग की थी।
TRAI की डेडलाइन
स्पेक्ट्रम अलोकेशन को लेकर TRAI अगले सप्ताह 15 दिसंबर तक अपनी सिफारिशें DoT को दे सकता है। सिफारिशें जारी होने के बाद दिसंबर के अंत तक इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद स्पेक्ट्रम का बंटवारा किया जाएगा। इस समय एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अक्टूबर 2022 में ही स्टारलिंक ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस को लेकर आवेदन दिया था। हालांकि, अभी स्टारलिंक को इसकी मंजूरी नहीं मिली है।
सर्विस प्रोवाइडर्स ने की तैयारी
वहीं, दूसरी तरफ Airtel और Jio को दूरसंचार विभाग की तरफ से सैटेलाइट सर्विस के लिए NoC मिल चुका है। स्पेक्ट्रम अलोकेशन के बाद ये कंपनियां भारत में सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस मुहैया करा सकती हैं। एलन मस्क की कंपनी Starlink और Amazon Kuiper को इसके लिए थोड़ा इंतजार कर सकता है। सरकार ने इन दोनों कंपनियों को कंप्लायेंस पूरा करने के लिए कहा है। स्टारलिंक इन कंप्लायेंस को पूरा करने के लिए हामी भर चुका है।
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