सरकार देश के नेशनल हाइवे पर Toll कनेक्शन सिस्टम में बड़े बदलाव की तैयारी में है। हाइवे पर मौजूद टोल बूथ पर गाड़ियों की लंबी कतारों को कम करने के लिए कुछ साल पहले FASTag की शुरुआत की गई थी। अब सरकार एक और नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टोल कलेक्शन के इस नए सिस्टम के बारे में समझाया है। इस सिस्टम के आने के बाद हाइवे पर आपकी गाड़ी जितने देर चलेगी, आपसे उतना ही टैक्स लिया जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री ने अपने X हैंडल से इस नए टोल कलेक्शन सिस्टम के बारे में बताया है। नितिन गडकरी ने कहा कि यह नया Toll कनेक्शन सिस्टम पूरी तरह से सैटेलाइट बेस्ड होगा और इसे जल्द शुरू किया जाएगा। हालांकि, केन्द्रीय मंत्री ने इसके लिए फिलहाल कोई डेडलाइन सेट नहीं की है।
कैसे काम करेगी नई टेक्नोलॉजी?
इस नए Satellite based toll collection सिस्टम के तहत आप अपनी गाड़ी को जितनी देर तक हाईवे पर चलाएंगे, आपसे उतना ही टोल टैक्स लिया जाएगा। यह टोल टैक्स आपके बैंक अकाउंट से ऑटोमैटिकली कट जाएगा। नितिन गडकरी ने पिछले साल दिसंबर 2024 में कहा था कि नेशनल हाइवे ऑथिरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस नए सिस्टम को 2024 की शुरुआत में लेकर आएगी।
सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम मौजूदा FASTag बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन को रिप्लेस करेगा। इस डिजिटल सिस्टम के आने के बाद से टोल प्लाजा पर एवरेज वेटिंग टाइम 714 सेकेंड से कम होकर 47 सेकेंड हो गया है। नए सिस्टम के आने के बाद यह वेटिंग टाइम और भी कम हो जाएगा। साथ ही, यूजर्स की बचत भी होगी। हालांकि, केन्द्रीय मंत्री ने FASTag को रिप्लेस करने को लेकर कोई बात नहीं की है।
कैसे काम करता है FASTag?
FASTag वाला सिस्टम RFID यानी रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन पर काम करता है, जो वाहन पर लगे FASTag को स्कैन करके टोल कलेक्ट करता है। टोल प्लाजा पर लगे RFID स्कैनर गाड़ी पर लगे FASTag RFID को स्कैन करके टोल कलेक्ट करता है। इसमें यूजर्स को अपने FASTag RFID को समय-समय पर रिचार्ज कराना होता है या फिर अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होता है।