Wednesday, November 20, 2024
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Chip के लिए सिलिकॉन पर निर्भरता 'खत्म', वैज्ञानिकों ने इस धातु से बनाया फंक्शनल सेमीकंडक्टर

जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन चिप का विकल्प ढूंढ़ लिया है। एक नए मैटीरियल से बना यह चिप सिलिकॉन की तरह इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में उर्जा प्रदान करेगा।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Updated on: January 05, 2024 8:29 IST
Grephene Chip, Semiconductor- India TV Hindi
Image Source : GEORGIA TECH RESEARCH वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में इस्तेमाल होने वाले सिलिकॉन चिप का विकल्प ढूंढ़ लिया है।

स्मार्टफोन, कम्प्यूटर, स्मार्टवॉच समेत तमाम मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम में इस्तेमाल होने वाले चिप सिलिकॉन से बने होते हैं, जिसकी वजह से इक्वीपमेंट बनाने वाली कंपनियां सिलिकॉन पर पूरी तरह से निर्भर रहती हैं। कोविड के दौरान सिलिकॉन की सप्लाई चेन में आई दिक्कत की वजह से कई कंपनियों को अपने नए प्रोडक्ट बाजार में उतारने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था। जॉर्जिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने ग्राफीन धातु से पहला फंक्शनल समीकंडक्टर बनाया है। इस सेमीकंडक्टर में कार्बन एटम की सिंगल शीट लगा है, जो बेहद मजबूत बॉन्ड बनाता है।

रिसर्चर्स का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में यह कंडक्टर इलेक्ट्रिसिटी को अलग-अलग स्थिति में प्रवाहित कर सकता है। इस सेमीकंडक्टर के बन जाने से इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में एक नई क्रांति आ जाएगी और सिलिकॉन पर निर्भरता कम हो जाएगी। जॉर्जिया इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर वॉल्टर डे हीर की अगुवाई में यह ग्राफीन सेमीकंडक्टर बनाया गया है। इसे बनाने वाले रिसर्चर्स अटलांटा, जॉर्जिया और टीआनजिन, चीन के हैं। यह सेमीकंडक्टर कन्वेंशनल माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स प्रोसेसिंग मेथड के साथ कम्पैटिबल है।

ग्राफीन में है खास गुण

प्रोफेसर वॉल्टर डे हीर ने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम पिछले 10 साल से ग्राफीन पर रिसर्च कर रहे थे। हम में से कईयों को यह लगता था कि ग्रेफिन इलेक्ट्रॉनिक्स कभी काम नहीं करेगा, क्योंकि इसमें बैंड गैप है। यह ऐसा गुण है, जो सेमीकंडक्टर को स्वीच ऑन और ऑफ करने में मदद करता है। ग्राफीन में अब तक कोई बैंड गैप नहीं पाया गया है।

हमारे पास एक ऐसा रोबस्ट ग्राफीन सेमीकंडक्टर है, जो सिलिकॉन की मोबिलिटी से 10 गुना बेहतर है। यह एक यूनीक गुण है, जो सिलिकॉन में नहीं पाया जाता है। हमारे इस 10 साल के मेहनत का निष्कर्ष यही है कि क्या यह मैटेरियल इतना अच्छा साबित होगा कि किसी डिवाइस में सही तरीके से काम कर पाएगा?

कैसे करता है काम?

नेचुरल फॉर्म में ग्राफीन न तो एक सेमीकंडक्टर है और न ही मेटल है, लेकिन एक सेमीमेटल है। किसी भी मैटीरियल पर जब इलेक्ट्रिक फील्ड अप्लाई की जाती है तो एक बैंड गैप बनता है, जिससे वह स्वीच ऑन और स्वीच ऑफ होता है। ग्राफीन इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च के लिए यह एक बड़ा सवाल था कि इसे कैसे स्वीच ऑन और ऑफ किया जाए ताकि यह सिलिकॉन की तरह काम कर सके। इसके लिए हमने डोपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया, जिसकी वजह से ग्राफीन अपना इलेक्ट्रॉन डोनेट कर सकता है और चिप सही तरीके से काम करता है।

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