स्मार्टफोन में मौजूद कुछ ऐप्स की वजह से लाखों यूजर्स का डेटा साइबर अपराधियों के हाथ लग गया है। एक ऐसे ही डेटा ब्रीच की जानकारी सामने आई है, जिसमें लाखों स्मार्टफोन यूजर्स के डिवाइस के लोकेशन की जानकारी हैकर्स तक पहुंच गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्टफोन में मौजूद डेटिंग ऐप्स, गेम्स और ई-मेल के जरिए हैकर्स आपके डिवाइस को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं। एक हैकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावा किया है कि इन ऐप्स में मौजूद ट्रैकर का इस्तेमाल करके यूजर्स को एडवर्टिजमेंट दिखाया गया है।
लोकेशन डेटा लीक
रिसर्च फर्म PredictaLabOff के CEO के मुताबिक, हैकर्स ने लोकेशन डेटा फर्म Gravy Analytics से लाखों Android और iOS यूजर्स के डिवाइस की सटीक लोकेशन डिटेल कलेक्ट करके उसे लीक किया है। इनमें से ज्यादातर iPhone यूजर्स थे, जो iOS 14.5 या इससे नीचे के वर्जन का इस्तेमाल कर रहे थे। 404 मीडिया की हाल में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर ने दावा किया है कि वो इन ऐप्स के जरिए यूजर्स की लोकेशन की जानकारी प्राप्त करके उसे एडवर्टाइजमेंट के लिए इस्तेमाल करके मॉनिटाइज किया है।
हैकर ने इसके लिए क्लाउड बेस्ड स्टोरेज डेटा का इस्तेमाल किया है। 4 जनवरी को हुए डेटा ब्रीच में इस बात की जानकारी पता चली है। हैकर्स ने स्मार्टफोन में मौजूद कई लोकप्रिय ऐप्स के लोकेशन को ट्रैक किया है। इनमें से ज्यादातर ऐप्स के लाखों में डाउनलोड्स हैं। प्रेडिक्टा लैब के CEO के मुताबिक, हैकर्स के पास यूजर्स के डिवाइस की लोकेशन से जुड़ा 1.4GB डेटा था, जिसे लीक किया है। इस डेटा में कई ऐसे लोकेशन की भी जानकारी भी शामिल हैं, जो अमेरिकी मिलिट्री बेस और व्हाइट हाउस के पास पाई गई है।
ये ऐप्स हुए प्रभावित
डेटा ब्रीच में 3,455 लिस्ट में Android यूजर्स का डेटा है। जिन ऐप्स के जरिए डेटा लीक हुआ है उनमें लोकप्रिय डेटिंग ऐप Tinder का नाम शामिल है। इसके अलावा Grindr, Candy Crush, MyFitnessPal, Subway Surfers, Tumblr और Microsoft 365 जैसे लोकप्रिय ऐप्स भी शामिल हैं। लीक हुए डेटा में डिवाइस के लोकेशन के साथ एडवर्टिजमेंट आईडी भी शामिल है।
यूजर्स तुरंत करें यह काम
iOS 14.5 और पुराने Android ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को तुरंत इन ऐप्स को अनइंस्टॉल कर देना चाहिए। साथ ही, यूजर्स को अपने फोन को लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ अपडेट करना होगा। ऐसा करने के आपके स्मार्टफोन की सिक्योरिटी बेहतर हो जाएगी और हैक होने का खतरा नहीं रहेगा।
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