Phone Cloning के एक खतरनाक खेल का मामला सामने आया है, जिसमें एक ही IMEI नंबर के डेढ़ लाख नकली मोबाइल फोन का पता चला है। IMEI यानी इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी नंबर एक 15 डिजिट का यूनिक नंबर होता है, जिसका इस्तेमाल फोन गुम होने या चोरी होने पर किया जाता है। IMEI की मदद से ही मोबाइल को ढूंढ़ने का काम किया जाता है। चाहे स्मार्टफोन हो या फीचर फोन, हर मोबाइल का एक यूनिक नंबर होता है।
अगर, एक ही IMEI नंबर के कई सारे फोन मिल जाए तो यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि किस मोबाइल फोन से कोई क्राइम किया गया है। फोन क्लोनिंग का यह मामला पड़ोसी देश बांग्लादेश का है, जहां एक ही IMEI नंबर के डेढ़ लाख मोबाइल फोन का पता चला है। बांग्लादेश के मोबाइल फोन ऑपरेटर रोबी के चीफ कॉर्पोरेट और नियामक अधिकारी शाहिद आलम ने ढ़ाका में आयोजित दूरसंचार निदेशालय के एक सेमिनार में यह बात कही है।
एक IMEI वाले हजारों मोबाइल फोन
शाहित आलम ने अपने बयान में कहा, "बांग्लादेश में एक ही IMEI नंबर के डेढ़ लाख से ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल हो रहा है, ये सभी फोन नकली हैं।" हालांकि, बांग्लादेश के पूर्व चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर एकेएम मुर्शीद ने BBC को बताया कि नकली मोबाइल फोन की संख्यां डेढ़ लाख से कम भी हो सकती है। एकेएम मुर्शीद ने यह भी कहा कि कुछ साल तक एक ऑपरेटर के नेटवर्क पर 8 लाख मोबाइल फोन एक ही IMEI नंबर पर एक साथ काम कर रहे थे। यह भी चिंताजनक बाद है कि एक ही IMEI नंबर वाले इतने मोबाइल फोन एक साथ कैसे काम कर सकते हैं?
क्या होता है IMEI नंबर?
जैसा कि हम जानते हैं कि यह 15 डिजिट का एक यूनीक आइंडेटिटी नंबर होता है, जिसे मोबाइल डिवाइस बनाते समय प्रोग्राम किया जाता है। हालांकि, कुछ मोबाइल फोन में 17 नंबर के IMEI नंबर भी होते हैं। IMEI नंबर को किसी भी मोबाइल फोन की पहचान कहा जा सकता है। यह नंबर बताएगा कि जो मोबाइल हैंडसेट आपके हाथ में है, वो किस जगह बना है और किस इलाके में यूज किाया जा रहा है।
बांग्लादेश ने एक ही IMEI नंबर के जरि डिवाइस पता लगाने के लिए ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन यानी GCS का इस्तेमाल होता है। यह सिस्टम इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिसमें एक ही IMEI नंबर वाले मोबाइल फोन को ढूंढ़ने में आसानी होती है। आप अपने फोन का IMEI नंबर चेक करने के लिए *#06# डायल कर सकते हैं।
साइबर अपराधी फ्रॉड करने के लिए दो तरह से फोन की क्लोनिंग कर सकते हैं, जिनमें सिम क्लोनिंग और IMEI क्लोनिंग शामिल हैं। इस मामले में बांग्लादेश पुलिस के साइबर एवं विशेष अपराध डिपार्टमेंट ने कई जगह छापे मारकर नकली हैंडसेट बनाने वाले गिरोह का पता लगा लिया है। नकली IMEI नंबर वाले फोन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर साइबर अपराध के लिए किया जाता है।