चीनी स्टार्टअप कंपनी DeepSeek का R1 AI लॉन्च के बाद से ही चर्चा में बना हुआ है। इस AI के मार्केट में आते ही OpenAI, Google, Microsoft जैसी कंपनियों की टेंशन बढ़ गई है। स्टार्टअप कंपनी का एआई रिजनिंग मॉडल पर काम करता है और ईजी-टू-यूज है। अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी Perplexity AI ने भी अपने चैटबॉट के साथ DeepSeek R1 को इंटिग्रेट किया है। हालांकि, स्टार्टअप कंपनी ऐसा करके बुरी तरह फंस गई है। Perplexity पर यूजर का डेटा चीन भेजने का आरोप लगा है। इसके बाद कंपनी के सीईओ अरविंद श्रीनिवास का बयान सामने आया है।
CEO ने दी सफाई
Perplexity AI के को-फाउंडर और सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने अपने आधिकारिक X हैंडल से इसे लेकर स्टेटमेंट जारी किया है। श्रीनिवास ने अपने पोस्ट में लिखा है कि Perplexity के जरिए इस्तेमाल होने वाले यूजर का डेटा अमेरिका और यूरोप के डेटा सेंटर में ही स्टोर होगा। डीपसीक एक ओनपसोर्स सर्विस है और आपका डेटा चीन में स्टोर नहीं होता है।
अरविंद श्रीनिवास ने अपने X पोस्ट में कहा है कि यह गलत धारणा बनाई जा रही है कि चीन ने OpenAI को क्लोन किा है। यह सही नहीं है और दर्शाती है कि इस मॉडल को किस तरह ट्रेन किया गया है। DeepSeek R1 किसी भी टॉपिक पर सही तरीके से जानकारी लिख सकता है।
चीनी AI मॉडल डीपसीक के इस्तेमाल से यूजर का डेटा चीन में ट्रांसफर किए जाने वाला मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ। इस स्क्रीनशॉट में यह हाईलाइट किया गया है कि यूजर का इनपुट डेटा चीनी सर्वर पर स्टोर होगा। इसके बाद से अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी Perplexity AI पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
अमेरिका में खरीदे जाएंगे डेटा सेंटर
श्रीनिवास ने यह भी कहा है कि हम जल्द ही और भी डेटा सेंटर अमेरिका में खरीदने वाले हैं। यही नहीं, Perplexity AI के सीईओ चीनी AI मॉडल से काफी इंप्रेस्ड भी दिखे हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी खुलकर तरफदारी भी की है।
अरविंद श्रीनिवास ने Perplexity AI इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को अपने Android और iOS स्मार्टफोन ऐप को लेटेस्ट वर्जन के साथ अपडेट करना होगा। इसके बाद यूजर्स को DeepSeek R1 AI का सपोर्ट मिलना शुरू हो जाएगा।
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