TRAI द्वारा फर्जी कॉल्स और SMS पर लगाम लगाने के लिए नई पॉलिसी 1 अक्टूबर 2024 से लागू कर दी गई है। इस नए नियमों के लागू होने के बाद किसी भी तरह के फर्जी कॉल्स और मैसेज को नेटवर्क लेवल पर ब्लॉक कर दिया जाता है। यही नहीं, टेलीकॉम ऑपरेटर्स भी AI के जरिए फर्जी कॉल्स को ब्लॉक करने वाली टेक्नोलॉजी को ला रहे हैं। ऐसे में स्कैमर्स लोगों को अपनी जाल में फंसाने के लिए नए तरीके अपना रहे हैं। हैकर्स लोगों को VoIP यानी इंटरनेट कॉल के जरिए अपनी जाल में फंसाने की तैयारी में है। अगर, आपके पास भी ऐसा कोई कॉल आता है तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है।
VoIP कॉल के जरिए स्कैम
थाईलैंड की टेलीकॉम रेगुलेटरी बॉडी NBTC के मुताबिक, VoIP कॉल्स खास तौर पर +697 या +698 से शुरू होते हैं। वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल के जरिए किए जाने वाले ये कॉल आसानी से ट्रेस नहीं होते हैं, जिसकी वजह से स्कैमर्स इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं। हैकर्स VPN यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल करके VoIP कॉल्स करते हैं, जिसकी वजह से उनकी ट्रेसेबिलिटी खत्म हो जाती है।
- अगर, आपके पास भी +697 या +698 वाले इंटरनेशनल नंबर से कोई कॉल आ रहा है तो आपको इस तरह के कॉल को इग्नोर कर देना चाहिए। इस तरह के कॉल ऑनलाइन स्कैम या मार्केटिंग के लिए किए जाते हैं। आप इन नंबर को ब्लॉक कर सकते हैं।
- आपने अगर गलती से फोन पिक भी कर लिया है तो अपनी किसी निजी जानकारी को शेयर करने से बचें।
- कई बार स्कैमर खुद को सरकारी एजेंसी, बैंक आदि का अधिकारी बताएगा। ऐसे में आप उनसे कॉल बैक नंबर की मांग करें और कहें कि आप खुद कॉल कर लेंगे। अगर, वो कॉल बैक नंबर देने से मना करे तो आपको समझ जाएं कि यह कॉल किसी स्कैमर ने किया है।
Chakshu पर करें रिपोर्ट
केन्द्र सरकार ने फर्जी कॉल और मैसेज को रिपोर्ट करने के लिए संचार साथी वेबसाइट पर Chakshu पोर्टल लॉन्च किया है। आप इस सरकारी पोर्टल पर जाकर इस तरह के फर्जी कॉल और मैसेज को रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके लिए आपको चक्षु की वेबसाइट पर जाना होगा और स्क्रीन पर दिए गए इंस्ट्रक्शन को फॉलो करते हुए नंबर को रिपोर्ट करना होगा।
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