National Technology Day: आज सुबह 10:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए दिल्ली के प्रगति मैदान में मौजूद रहेंगे। यह कार्यक्रम National Techonology Day की 25वीं वर्षगांठ के तौर पर आयोजित किया गया है। यह दिन भारत के लिए कितना जरूरी है? विश्व पटल पर इस दिन भारत के हिस्से ऐसी कौन सी उपलब्धि हाथ लगी थी कि अमेरिका में हलचल पैदा हो गई। इसके साथ आज की स्टोरी में हम नेशनल टेक्नोलॉजी डे का इतिहास, थीम और उद्देश्य भी जानेंगे।
इतिहास के पन्नों में दर्ज है भारत की ये तस्वीर
11 मई नेशनल टेक्नोलॉजी डे के साथ एक खास उपलब्धि के लिए भी जाना जाता है। 11 मई 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था। वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के इन जबरदस्त उपलब्धियों के आधार पर अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे घोषित किया था। 1999 के बाद से हर साल टेक्नोलॉजी विकास बोर्ड (टीडीबी) विभिन्न टेक्नोलॉजी इनोवेशन के साथ इस दिन को सेलिब्रेट करता है। इसके अलावा हर साल टीडीबी एक थीम का चयन करता है और उस आधार पर देश में कई कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। बता दें कि भारत ने राजस्थान के पोखरण में ऑपरेशन शक्ति के तहत सफल परमाणु परीक्षण किया था। इससे अमेरिका में हलचल पैदा हो गई थी। उस समय अमेरिका के तत्कालिन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भारत के फैसले को गलत बताते हुए देश पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। इतना ही नहीं उसने भविष्य में भारत ऐसा कोई कदम ना उठाए इसके लिए रक्षा समझौते को भी कैंसिल कर दिया था। उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि ये नए भारत की सुबह है, यह किसी से डरता नहीं है।
क्या है 2023 का थीम
इस परीक्षण का नेतृत्व कर रहे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम कहा करते थे कि किसी देश का विकास करना है तो वहां के नागरिकों को शिक्षा दे दो और उस देश को टेक्नोलॉजी में मजबूत कर दो। देश के विकास में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के योगदान को स्वीकार करने के लिए 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हर साल एक अलग थीम होती है। 2023 के लिए थीम 'स्कूल टू स्टार्टअप्स-इग्नाइटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट' है।
इस दिन और क्या होता है खास
- इस दिन टीडीबी वर्ष के सबसे चर्चित व्यक्तियों, संस्थानों और व्यवसायों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव-प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, और कई अन्य वैज्ञानिक विभाग इस आयोजन का हिस्सा होते हैं।
- भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोगों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है ताकि वे अपने शोध में अधिक से अधिक उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी पूरे भारत में विभिन्न आयोजनों का समन्वय करता है।
- आयोजन की सारी साज-सज्जा और योजना थीम के अनुसार ही होनी चाहिए।
- कई संस्थानों में स्क्रीनप्ले, भाषण या निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।