Honor ने MWC Sanghai 2024 में गजब की AI टेक्नोलॉजी पेश की है। यह टेक्नोलॉजी आसानी से किसी भी Deepfake वीडियो का पता लगा लेती है। स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ने इसके अलावा एक और AI Defocus Eye प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी भी पेश की है। यह टेक्नोलॉजी एक तो लंबे समय तक फोन की स्क्रीन पर देखने के बाद भी आंखों को खराब नहीं होने देगी। वहीं, डीपफेक वीडियो के लिए कंपनी ने AI Deepfake Detection Technology पेश की है, जो आसानी से किसी भी फर्जी वीडियो का पता लगा लेगी। कंपनी जल्द ही इन दोनों टेक्नोलॉजी को ऑन-डिवाइस देने वाली है।
दो AI टेक्नोलॉजी हुई पेश
MWC Sanghai 2024 में ऑनर ने बताया कि कंपनी अपने AI इनोवेशन को और बेहतर कर रही है। कंपनी ने इस टेक इवेंट के की-नोट सेशन का नाम The Human AI Synergy: Intelligent Device Will Empower People Better रखा था। इसमें चीनी कंपनी ने अपनी इन दोनों AI टेक्नोलॉजी को पेश किया है।
कंपनी ने अपनी AI Defocus Eye Protection को पेश करते हुए कहा कि यह टेक्नोलॉजी यूजर्स के आंखों की मायोपिया को 13 डिग्री तक कम कर सकता है, अगर इसे एवरेज 25 मिनट तक इस्तेमाल किया जाए। कंपनी ने एक रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि यह टेक्नोलॉजी यूजर्स की आंखों में होने वाली मायोपिया की दिक्कत को 75 डिग्री तक कम कर सकती है।
डीपफेक पर लगाम
Deepfake के बारे में बताते हुए कंपनी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में डीपफेक वीडियो बड़ी समस्या बनकर उभरी है। AI के जरिए वीडियो जेनरेट करके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अफवाह फैलाया जा सकता है। कई AI वैज्ञानिक, टेक कंपनियां और सरकारों ने इसे बड़ी समस्या बताई है।
ऑनर की AI डीपफेक डिटेक्शन टेक्नोलॉजी इस तरह की वीडियो को फ्रेम-बाय-फ्रेम चेक करके यह पता लगा लेगी की वीडियो फर्जी है या फिर सही है। इसमें आई कॉन्टैक्ट, लाइटिंग, इमेज क्लियरिटी और वीडियो प्लेबैक को एनालाइज किया जाएगा। इन दिनों डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल धोखाधड़ी और स्कैम के लिए किया जा रहा है। यह नई टेक्नोलॉजी लोगों को AI द्वारा जेनरेटेड वीडियो को ऑन डिवाइस रियल टाइम में एनालाइज कर लेगा।