Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग की मुश्किल एक बार फिर से बढ़ सकती है। Facebook की पैरेंट कंपनी पर एक और मुकदमा दायर हुआ है। मेटा पर यह मुकदमा फेसबुक फीड कंट्रोल को लेकर है। मेटा पर यह मुकदमा अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी के द नाइट फर्स्ड अमेंडमेंट इंस्टीट्यूट ने दायर किया है। अपनी शिकायत में इंस्टीट्यूट ने कहा कि इंटरनेट कंपनी यूजर को अपने फीड कंट्रोल करने के लिए थर्ड पार्टी टूल इस्तेमाल करने की आजादी नहीं देती है। अगर, कोई यूजर चाहे कि उनके फेसबुक फीड में कोई कॉन्टेंट न दिखे तो कंपनी उनकी यह आजादी छीन रही है।
इस वजह से मुकदमा दायर
फेसबुक की पैरेंट कंपनी पर यह मुकदमा Unfollow Everything 2.0 ब्राउजर एक्सटेंशन को डेवलप करने वाले एक प्रोफेसर और रिसर्चर इथन जुकरमैन (Ethan Zuckerman) की ओर से दायर की गई है। प्रोफेसर द्वारा डेवलप किया गया यह ब्राउजर एक्सटेंशन यूजर को इस बात की आजादी देता है कि वो फेसबुक पर सभी कॉन्टेंट को एक साथ अनफॉलो कर सके, ताकि उन्हें फेसबुक फीड में कुछ न दिखे। फेसबुक के फीड में दिखने वाले कॉन्टैंट कंपनी के एल्गोरिदम पर काम करता है। यह टूल इस एल्गोरिदम द्वारा फीड किए जाने वाले कॉन्टेंट को ब्लॉक कर देता है।
यूजर का फीड पर नहीं है कंट्रोल
एक आम फेसबुक यूजर को अकाउंट क्रिएट करने के साथ ही उनके फीड में कई तरह के पोस्ट, फोटो, वीडियोज और पेज दिखने लगते हैं। यह सब फेसबुक के एल्गोरिदम की वजह से होता है। यूजर इस फीड को खुद से कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। प्रोफेसर द्वारा डेवलप किया गया ह टूल यूजर को अपने फीड पर दिखने वाले इन कॉन्टेंट को कंट्रोल करने की आजादी देता है, ताकि उन्हें फेसबुक स्क्रॉल करने की आदत न लगे।
पहले भी 2021 में यूके के एक डेवलपर लूईस बार्कले (Luis Barclay) ने ऐसा ही एक टूल Unfollow Everything डेवलप किया था, जिसे फेसबुक ने 2021 में डरा-धमकाकर डाउन कर दिया। साथ ही, डेवलपर को फेसबुक से जीवन भर के लिए बैन कर दिया गया था। प्रोफेसर द्वारा दायर किया गया यह मुकदमा एक काउंटर है, ताकि भविष्य में मेटा की तरफ से उनके ब्राउजर एक्सटेंशन को लेकर कोई कार्रवाई न की जाए। इस मुकदमा को दर्ज करने वाले प्रोफेसर ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक यूजर के तौर पर हमें फेसबुक पर बहुत कम कंट्रोल मिलता है।
प्रोफेसर ने कहा कि एक आम यूजर को यह तक पता नहीं होता है कि फेसबुक किस तरह से हमें कंट्रोल करता है। मार्क जुकरबर्ग की सोशल मीडिया कंपनी Meta की तरफ से फिलहाल इस मुकदमे को लेकर किसी तरह की टिप्पणी नहीं की गई है।