देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Jio ने सियाचीन ग्लेशियर में 4G/5G नेटवर्क पहुंचाकर इतिहास रच दिया है। जियो दुनिया के सबसे ऊंचे और कठिन माने जाने वाले बैटलग्राउंड में हाई स्पीड मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने वाला पहला टेलीकॉम ऑपरेटर बन गया है। रिलायंस जियो ने भारतीय सेना के साथ मिलकर सियाचीन ग्लेशियर में 5G बेस स्टेशन स्थापित किया है। 15 जनवरी को होने वाले सेना दिवस से पहले जियो ने 4G और 5G नेटवर्क पहुंचार आर्मी के जवाों को नई सौगात दी है।
सियाचीन में 5G पहुंचाने वाली पहली कंपनी
जियो ने सेना के सिग्नलर्स कीमदद से इस कठोर और दुर्गम क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाकर कमाल कर दिया है। Jio ने पूरी तरह से स्वदेशी 5G तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सियाचीन ग्लेशियर के एक फॉरवर्ड चौकी पर प्लग-एंड-प्ले प्री कॉन्फिगर किया गया डिवाइस सफलतापूर्वक डिप्लॉय कर दिया है। इसके लिए टेलीकॉम ऑपरेटर ने आर्मी के सिग्नलर्स के साथ मिलकर कई ट्रेनिंग सेशन, सिस्टम प्री-कन्फिगरेशन और व्यापक परीक्षण करने का काम किया है, जिसके बाद यह संभव हो सका है।
भारतीय सेना ने जियो के डिवाइस को सियाचिन ग्लेशियर तक पहुंचाने सहित लॉजिस्टिक प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस साझेजारी से हिमालयर के कराकोरम रेंज में 16,000 फीट की ऊंचाई पर कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सकी है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां तापमान -50 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। Jio की यह पहल सबसे कठिन परिस्थितियों में भारत की सीमाओं की सुरक्षा में देश के सशस्त्र बलों के कम्युनिकेशन की समस्या को दूर कर देगा।
ऐतिहासिक उपलब्धि
यही नहीं, देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी लद्दाख क्षेत्र में लगातार अपना नेटवर्क एक्सपेंड कर रही है। इसके लिए टेलीकॉम ऑपरेटर बॉर्डर पर मौजूद फॉरवर्ड पोस्ट को प्राथमिकता दे रहा है। सियाचिन ग्लेशियर में 5G सर्विस लॉन्च करने के साथ, रिलायंस जियो ने अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए एक नई मिसाल पेश की है। धरती पर मौजूद सबसे दुर्गम कंडीशन में सुपरफास्ट कनेक्टिविटी पहुंचाना अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
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