सरकार AI जेनरेटेड अफवाहों और Deepfake को लेकर सख्त है। AI को रेगुलेट करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है। इसका ड्राफ्ट जून-जुलाई तक लाया जाएगा। पिछले कुछ महीनों में एआई जेनरेटेड डीपफेक वीडियो और फोटो के आने के बाद सरकार इसे लेकर गंभीर दिखाई दे रही है। हाल ही में कई सेलिब्रिटीज जैसे कि रश्मिका मंदाना, सारा तेंदुलकर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के AI जेनरेटेड डीपफेक ऑनलाइन आ चुके हैं।
फ्रेमवर्क हो रही तैयार
नई दिल्ली में आयोजित एक इवेंट के दौरान केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को रेगुलेट करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रही है और इसे जल्द रिलीज किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एआई से होने वाले इकोनोमिक ग्रोथ के साथ-साथ इसके दुरुपयोग को रोकने की जरूरत है। इसका उद्देश्य आर्थिक विकास के लिए एआई का उपयोग करना और संभावित जोखिमों और नुकसानों का समाधान करना है।
राजधानी में आयोजित इवेंट में Nasscom-BCG की रिपोर्ट पेश की गई, जिसके मुताबिक, 2027 तक भारत के AI मार्केट ग्रोथ 25 प्रतिशत तक होगा और यह 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक अनुमानित है। इससे पहले सरकार ने भारत में सोशल मीडिया कंपनियों को कहा है कि किसी भी तरह का अफवाह और डीपफेक उनके प्लेटफॉर्म पर नहीं फैलाए जाने चाहिए।
केन्द्रीय आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर मेटा और MCA (मिसइंफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस) की साझेदारी का भी जिक्र किया, जिसमें डीपफेक रिपोर्ट करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाने की बात कही गई है। मेटा के इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वाट्सऐप के लिए यह हेल्पलाइन नंबर जल्द आने वाला है।
भारत में सभी इंटरनेट प्लेटफॉर्म/मध्यस्थों का यह सुनिश्चित करने का कानूनी दायित्व है कि उनके प्लेटफॉर्म पर उनके यूजर्स द्वारा कोई गलत सूचना/डीपफेक पोस्ट न किया जाए। इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने कहा कि वह , IT Rules 2021 के साथ मध्यस्थों के अनुपालन और आईटी मंत्रालय द्वारा जारी लेटेस्ट एडवाइजरी में दिए गए निर्देशों की नियमित रूप से निगरानी कर रही है।
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