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साइबर क्राइम पर बड़ा प्रहार, 80 लाख सिम बंद, लाखों मोबाइल नंबर हुए ब्लॉक

सरकार ने एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई करते हुए लाखों मोबाइल नंबर बंद कर दिए हैं। दूरसंचार विभाग ने इस बात की जानकारी दी है। यही नहीं, साइबर क्राइम में शामिल करीब 7 लाख मोबाइल नंबर भी ब्लॉक किए गए।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published : Dec 16, 2024 11:26 IST, Updated : Dec 16, 2024 11:38 IST
Fake mobile number
Image Source : FILE 80 लाख मोबाइल नंबर हुए ब्लॉक

साइबर क्राइम के खिलाफ बडी कार्रवाई करते हुए सरकार ने 80 लाख सिम कार्ड बंद किए हैं। दूरसंचार विभाग के मुताबिक, बंद किए गए सिम कार्ड फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर जारी किए गए थे। सरकार ने AI टूल का इस्तेमाल करते हुए इन फर्जी सिम कार्ड को ब्लॉक कर दिया है। इसके अलावा साइबर क्राइम में लिप्त 6.78 लाख मोबाइल नंबर भी बंद किए गए हैं।

78.33 लाख मोबाइल नंबर बंद

दूरसंचार नियामक और दूरसंचार विभाग ने बढ़ते साइबर क्राइम के खिलाफ एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने 78.33 लाख मोबाइल नंबर को बंद कर दिया है। ये मोबाइल नंबर फर्जी डॉक्यमेंट्स के आधार पर लोगों को जारी किए गए थे। दूरसंचार विभाग द्वारा इंप्लिमेंट किए गए नए AI टूल की मदद से इन फर्जी नंबरों की पहचान की गई और उनके खिलाफ एक्शन लिया गया। यही नहीं, सरकार ने साइबर क्राइम में लिप्त 6.78 लाख मोबाइल नंबर को भी बंद कर दिया है।

दूरसंचार विभाग ने अपने आधाकारिक X हैंडल से इस बात की जानकारी दी है। वहीं, केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक इवेंट में बोलते हुए कहा कि गृह मंत्रालय के साथ मिलकर दूरसंचार विभाग ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया है। इस नंबर पर की गई शिकायत के आधार पर 10 लाख लोगों के 3.5 हजार करोड़ रुपये सरकार ने बचाए हैं।

TRAI की नई पॉलिसी

TRAI ने अगस्त में साइबर क्राइम को रोकने के लिए नए नियम लागू करने की घोषणा की है। दूरसंचार नियामक ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को फर्जी कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की, जिसे 1 अक्टूबर 2024 से लागू कर दिया गया। इसके अलावा मैसेज ट्रेसेबिलिटी का नियम भी 11 दिसंबर 2024 से लागू हो गया है। इस तरह से यूजर्स को फर्जी टेलीमार्केटिंग कॉल्स और मैसेज से राहत मिलेगी। इस तरह के कॉल्स और मैसेज को नेटवर्क लेवल पर ही ब्लॉक कर दिए जाएंगे। 

साथ ही, फर्जी मैसेज को ट्रैक करने के लिए मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम लागू किया गया है, जिसमें टेलीकॉम ऑपरेटर्स किसी भी मैसेज के ऑरिजिनेट होने वाले नंबर से लेकर उसके चेन को आसानी से ट्रैक कर सकेंगे। सरकार ने पिछले दिनों कई इंटरनेशनल वाट्सऐप नंबर को भी ब्लॉक किया है, जिसका इस्तेमाल फाइनेंशियल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के लिए किया जा रहा था।

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