Google ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले AI बेस्ड फर्जी कॉन्टेंट पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। टेक कंपनी ने इसके लिए दावा किया है कि भारतीय वोटर्स को हाई क्वालिटी जानकारियां मिलेंगी। साथ ही, वो AI जेनरेटेड कॉन्टेंट को आसानी से नेविगेट कर सकेंगे, जिसकी वजह से गूगल के प्लेटफॉर्म्स जैसे कि सर्च, यू्ट्यूब आदि का दुरुपयोग नहीं किया जा सकेगा।
भारतीय चुनाव आयोग के साथ साझेदारी
गूगल ने इसके लिए भारतीय चुनाव आयोग के साथ साझेदारी की है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 (General Election 2024) को देखते हुए यूजर्स को गूगल सर्च में अंग्रेजी और हिन्दी दोनो में महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि रजिस्ट्रेशन कैसे करें और वोट कैसे करें मिल सके।
Google ने यह भी कहा है कि अगर कोई गूगल के प्लेटफॉर्म पर चुनावी विज्ञापन चलाना चाहते हैं, तो उन्हें एक वेरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा। हर चुनावी विज्ञापन के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत व्यक्ति से पूर्व-प्रमाण पत्र लेना होगा। साथ ही, विज्ञापन में यह भी साफ दिखाया जाए कि इसके लिए भुगतान किसने किया है।
YouTube क्रिएटर्स के लिए लेबल
टेक कंपनी ने कहा कि इसके अलावा हमारे पास पहले से चली आ रही विज्ञापन नीति है, जो स्पष्ट रूप से झूठे दावों और अफवाहों को बढ़ावा देने से रोकती हैं। इसके अलावा गूगल ने बताया कि जल्द ही YouTube क्रिएटर्स को यह भी बताने की आवश्यकता होगी कि उन्होंने कॉन्टेंट कब बनाई है और इसके लिए एक लेबल दिखाया जाएगा, जो बताएगा कि वे इस कॉन्टेंट को कब से देख रहे हैं।
AI जेनरेटेड कॉन्टेंट पर लगेगा लगाम
पिछले दिनों कई सेलिब्रिटीज के AI जेनरेटेड डीपफेक फोटो और वीडियो वायरल हुए थे, जिसके बाद सरकार ने टेक कंपनियों को इस तरह के कॉन्टेंट को फैलने से रोकने के लिए पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया था। गूगल, फेसबुक (मेटा) समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस तरह के AI जेनरेटेड कॉन्टेंट पर लगाम लगाने की पहल कर चुके हैं।
भारत में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए ऐसे फर्जी कॉन्टेंट और अफवाह फैलाए जाने का अंदेशा है। ऐसे में टेक कंपनियों द्वारा इस तरह के कॉन्टेंट पर लगाम लगाए जाने की तैयारी से यूजर्स को फिल्टर्ड कॉन्टेंट दिखेंगे।
- IANS इनपुट के साथ
यह भी पढ़ें - क्या है Agni-5 की MIRV टेक्नोलॉजी? केवल इन देशों के पास है यह खास तकनीक