Google ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 22 लाख से ज्यादा ऐप्स को Play Store से हटा दिया है। गूगल ने इसके अलावा 3 लाख से ज्यादा डेवलपर अकाउंट्स पर भी कार्रवाई की है। गूगल ने पिछले साल यूजर्स की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को बेहतर करने के लिए प्ले स्टोर की पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया था। पॉलिसी अपडेट करने के बाद गूगल द्वारा की गई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। गूगल ने पाया कि इन डेवलपर्स अकाउंट्स से बार-बार मेलवेयर और पॉलिसी वायलेशन किए जा रहे थे।
22 लाख से ज्यादा ऐप्स बैन
गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए बताया कि 2.28 मिलियन यानी 22.8 लाख से ज्यादा ऐप्स को बैन किया गया है। इन ऐप्स के जरिए मेलवेयर और ऑनलाइन स्कैम जैसी घटनाएं यूजर्स के साथ किए जा रहे थे। यही नहीं, गूगल ने इन ऐप्स को पब्लिश करने वाले 3.33 लाख डेवलपर अकाउंट्स को भी सस्पेंड कर दिया है। साथ ही, गूगल ने 2 लाख ऐप सबमिशन को भी रिजेक्ट कर दिया है। गूगल का अंदेशा है कि इन ऐप्स के जरिए यूजर्स के स्मार्टफोन में बैकग्राउंड लोकेशन ट्रैकिंग, SMS ऐक्सेस और कॉन्टैक्ट की ट्रैकिंग जैसे सेंसेटिव जानकारियां चुराई जा रही थी।
इसके अलावा गूगल ने दो ऐप डेवलपर्स के खिलाफ अमेरिकी फेडरल कोर्ट में मुकदमा भी दायर किया है। इन ऐप डेवलपर्स के खिलाफ कई बार फ्रॉड इन्वेस्टमेंटस, क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए यूजर्स से धोखाधड़ी का आरोप है। कंपनी ने अपने ब्लॉग में बताया कि ये डेवलपर्स ऐप एक्सेप्टेंस प्रोसेस के लूपहोल का गलत फायदा उठाकर यूजर्स के साथ धोखाधड़ी की है। गूगल ने कहा कि इन ऐप डेवलपर्स और ऐप्स पर की गई कार्रवाई यूजर्स को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने वाली पॉलिसी का एक उदाहरण है।
यूजर की सुरक्षा के लिए कड़े कदम
Google ने बताया कि उसका मकसद यूजर को बेहतर से बेहतर सुरक्षा देना है। जिन ऐप्स में अकाउंट क्रिएट करने की जरूरत होती है उन्हें अब यूजर्स को ऐुप के अंदर ही डेटा डिलीट करने की सुविधा देनी होगी। इसके अलावा यह फीचर गूगल प्ले स्टोर के डेटा सेफ्टी सेक्शन में भी जोड़े जाने चाहिए। गूगल ने यह भी बताया कि उसने ऐप डिफेंस अलायंस (ADA) को भी रिस्ट्रक्चर किया है। इसके लिए उसने माइक्रोसॉफ्ट और मेटा के कमिटी मेंबर्स के साथ साझेदारी की है। कंपनी ने कहा है कि यह साझेदारी ऐप सिक्योरिटी के बेस्ट प्रैक्टिस और गाइडलाइंस को बेहतर करने के लिए है।