Google ने करोड़ों Android यूजर्स को वित्तीय फ्रॉड यानी ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए नया पायलट प्रोग्राम लॉन्च किया है। इस प्रोगाम को गूगल प्ले प्रोटेक्ट के जरिए स्मार्टफोन या अन्य एंड्रॉइड डिवाइस को वित्तीय फ्रॉड अटैक से बचाने के लिए तैयार किया गया है। टेक कंपनी का यह प्रोग्राम सिंगापुर की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी (CSA) के साथ मिलकर आने वाले कुछ सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा।
सिंगापुर में लॉन्च होगा पायलट प्रोजेक्ट
गूगल ने अपने ब्लॉगस्पॉट के जरिए इस पायलट प्रोग्राम के बारे में जानकारी शेयर की है। अपने ब्लॉगपोस्ट में गूगल ने बताया कि सिंगापुर की साइबर सिक्योरिटी से साथ हम अपनी पार्टनरशिप को आगे बढ़ाते हुए सिंगापुर में अपना पहला पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करेंगे। इस प्रोग्राम के जरिए एंड्रॉइड यूजर्स को मोबाइल फाइनेंसियल फ्रॉड से बचाया जा सके।
अपने आप ब्लॉक होंगे फर्जी ऐप्स
कंपनी के मुताबिक, फ्रॉड प्रोटेक्शन को इन्हांस होने से गूगल प्ले प्रोटेक्ट के जरिए डिवाइस में उन ऐप्स का इंस्टॉलेशन ऑटोमैटिकली ब्लॉक हो जाएगा, जो यूजर्स से डिवाइस की सेंसेटिव परमिशन की मांग करेंगे। इसके अलावा किसी भी ऐसे ऐप को डिवाइस में इंस्टॉल होने से रोका जाएगा, जो किसी वेब ब्राउजर, मैसेजिंग ऐप या फाइल मैनेजर आदि से इंटरनेट साइडलोडिंग के जरिए डाउनलोड किए गए हो।
रीयल-टाइम परमिशन पर लगेगी रोक
इस पायलट प्रोग्राम में गूगल ने सिक्योरिटी एजेंसी के साथ मिलकर उन ऐप्स को ब्लॉक करेंगे तो रीयल-टाइम में रन-टाइम परमिशन के तौर पर RECEIVE_SMS, READ_SMS, BIND_Notifications और Accessibility जैसे कमांड को रन करेंगे। गूगल का कहना है कि ये परमिशन मुख्य तौर पर स्कैमर्स द्वारा वन-टाइम पासवर्ड को SMS या अन्य नोटिफिकेशन या स्क्रीन कॉन्टेंट चुराने के लिए मांगे जाते हैं।
2023 की ग्लोबल एंटी-स्कैम अलायंस की रिपोर्ट के मुताबिक, 78 प्रतिशत मोबाइल यूजर्स पिछले साल कम से कम एक बार ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। वहीं, 45 प्रतिशत यूजर्स का इस तरह के फ्रॉड से बार-बार सामना हुआ है। सिंगापुर साइबर सिक्योरिटी एजेंसी का कहना है कि गूगल अपने प्लेटफॉर्म को बेहतर और सुरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास करता रहता है।
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