Google ने साइबर अटैक से यूजर्स को बचाने के लिए नया Threat Intelligence AI फीचर लॉन्च किया है। गूगल ने RSA Conference 2024 में अपने AI बेस्ड साइबर सिक्योरिटी टूल की घोषणा की है। गूगल का यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल डिजिटल वर्ल्ड की सबसे बड़ी दिक्कत यानी साइबर हमलों को रोकने में सक्षम होगा। पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन और डिजिटल फ्रॉड जिस तरह से बढ़ें है उसे देखते हुए यह टूल यूजर्स के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।
Google Threat Intelligence
गूगल का यह AI टूल यूजर्स को साइबर फ्रॉड और डिजिटल थ्रेट्स से बचाएगा और तेजी से साइबर हमलों को रोकने में सक्षम होगा। गूगल क्लाउड सिक्योरिटी के वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर सुनील पोट्टी और गूगल थ्रेट इंटेलिजेंस की वाइस प्रेसिडेंट सैंड्रा जॉइस (Sandra Joyce) ने ब्लॉग पोस्ट के जरिए बताया कि यह टूल Madiant साइबर सिक्योरिटी यूनिट, वायरस टोटल थ्रेट इंटेलिजेंस और Gemini AI मॉडल पर काम करेगा।
Google का यह टूल Gemini 1.5 प्रो लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर काम करेगा, जिसे कंपनी ने इस साल फरवरी में लॉन्च किया था। इस टूल की खास बात ये है कि यह रिवर्स इंजीनियर के जरिए मेलवेयर अटैक को बहुत कम समय में रोक सकेगा। यह किसी भी सिक्योरिटी थ्रेट्स को तेजी से स्कैन कर सकता है और उसे रोक सकता है। साथ ही, गूगल का यह टूल कुछ सेकेंड में ही बड़ी मात्रा में डेटा को स्कैन कर सकता है।
Gemini AI 1.5 Pro
इस इवेंट में गूगल ने अपने Gemini AI 1.5 Pro के एडवांस एबिलिटी को भी शोकेस किया है। गूगल का यह नया AI टूल साइबर हमलों के कोड्स को चंद सेकेंड में डीकम्पायल कर सकता है। टेस्टिंग के दौरान इसने WannaCry के मेलवेयर फाइल को महज कुछ सेकेंड में डीकम्पायल (decompile) कर लिया था। इसे इसमें 34 सेकेंड का समय लगा था। Google का यह AI टूल साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स के लिए एक उपयोगी टूल साबित हो सकता है। यह टूल गूगल के Cloud सिक्योरिटी सर्विस का हिस्सा होगा।