Thursday, July 04, 2024
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Global IndiaAI Summit 2024 में OpenAI के वाइस प्रेसिडेंट ने भारत के AI मिशन को लेकर कही बड़ी बात

Global IndiaAI Summit 2024 में ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के वाइस प्रेसिडेंट श्रीनिवास नारायण ने भारत के AI मिशन को लेकर बड़ी बात कही है। OpenAI भारत के AI मिशन के लिए हर तरह से मदद करने के लिए तैयार है।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Updated on: July 04, 2024 8:42 IST
Global IndiaAI Summit 2024- India TV Hindi
Image Source : PIB INDIA Global IndiaAI Summit 2024 (OpenAI VP Srinivas Narayan)

Global IndiaAI Summit 2024 कल यानी 3 जुलाई से लेकर 4 जुलाई के बीच आयोजित की जा रही है। इस ग्लोबल एआई समिट के पहले दिन ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के वाइस प्रेसिडेंट श्रीनिवास नारायण ने भारत के AI मिशन को लेकर बड़ी बात कही है। इस समिट का उद्घाटन आईटी और रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने किया। वहीं, इस समिट में आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, जापान के इंटरनल अफेयर्स और कम्युनिकेशन मिनिस्टर हीरोशी योशिदा, NASSCOM के प्रेसिडेंट देबजनी घोष समेत MeitY के वरिष्ट अधिकारियों ने शिरकत की।

भारत का AI मिशन है खास

 

OpenAI के वाइस प्रेसिडेंट श्रीनिवास नारायण ने इस समिट में बताया कि कंपनी की दो मुख्य प्रायरिटी है, जिसमें भारत को AI मिशन के लिए मदद करना और दूसरा AI मॉडल को अफोर्डेबल बनाने के लिए लैंग्वेज सपोर्ट करना है। कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ने बताया कि वो भारत को AI मिशन के लिए किसी भी तरह की मदद करने के लिए तैयार हैं। श्रीनिवास नारायण ने कहा कि हमें भारतीय कम्युनिटी की तरफ से कई सारे फीडबैक प्राप्त हुए हैं और GPT 4o को उसी फीडबैक के आधार पर डेवलप किया गया है।

भारत से बहुत कुछ सीखा

OpenAI के अधिकारी का कहना है कि डेवलप करते रहना और ग्रो करते रहने की आदत उनकी टीम ने भारत से सीखी है। उन्होंने आगे कहा कि हम जब भी कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने जाते हैं, तो हम भारत को अपने दिमाग में लेकर चलते हैं। हम अपने ऐप्लीकेशन डेवलपमेंट इनिशिएटिव को लेकर काफी उत्साहित हैं। भारत के AI मिशन के लिए OpenAI किसी भी हद तक जाकर मदद करने के लिए तैयार है, चाहे वो अपने लैंग्वेज मॉडल का एक्सेस देना हो या फिर कुछ और की जरूरत हो।

ChatGPT बनाने वाली कंपनी ने कहा कि किसी भी लैंग्वेज को डेवलप करने के लिए कॉस्ट बहुत मायने रखता है। कॉस्ट कम होने से डेवलपर्स को नए ऐप्लीकेशन डेवलप करने की लागत कम आती है। श्रीनिवास नारायण ने बताया कि पिछले 18 महीनों में लोगों ने GPT LLM को कई तरह के ट्रांसफोर्मेटिव तरीके से इस्तेमाल किया है।

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