eSIM एक्टिवेट कराने के नाम पर देश की राजधानी से सटे नोएडा के 44 साल की महिला के साथ बड़ा फ्रॉड है। साइबर अपराधियों ने महिला के अकाउंट से 27 लाख रुपये से ज्यादा रुपये निकाल लिए हैं। एक निजी कंपनी में काम करने वाली महिला नोएडा सेक्टर 82 निवासी है। फ्रॉड होने के बाद महिला ने नोएडा सेक्टर 36 साइबरक्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद IT ऐक्ट सेक्शन 318(4) और 319 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कैसे हुआ फ्रॉड?
महिला ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसके पास 31 अगस्त 2024 को एक टेलीकॉम कंपनी के फर्जी कस्टमर केयर से WhatsApp कॉल आता है। कस्टमर केयर अधिकारी बने साइबर अपराधी ने महिला को eSIM कार्ड के फायदे के बारे में समझाया और अपने नंबर को eSIM में बदलवाने के लिए सलाह दी। महिला साइबर अपराधी के झांसे में आकर अपना नंबर eSIM में बदलने के लिए मान जाती है और फोन पर रिसीव हुए कोड को अपराधी को बता देती है। इसके बाद उसका मोबाइल नंबर डिएक्टिवेट हो जाता है।
कस्टमर केयर अधिकारी बने स्कैमर्स की सलाह के मुताबिक अगले दिन यानी 1 सितंबर को महिला अपने eSIM की डिलीवरी का इंतजार करती है। सिम नहीं मिलने पर वह टेलीकॉम कंपनी के आधिकारिक कस्टमर केयर से संपर्क करती है। ग्राहक सेवा अधिकारी महिला से नए सिम कार्ड के लिए नजदीकी स्टोर विजिट करने की सलाह देता है। नया सिम कार्ड मिलने के बाद महिला को कई मैसेज मिलते हैं और पता चलता है कि उसके अकाउंट से लाखों की ठगी की गई है।
आप भी न करें ये गलती
नोएडा की महिला के साथ हुए इस फ्रॉड को SIM Swap फ्रॉड के नाम से जाना जाता है। इसमें साइबर अपराधी आपके मोबाइल नंबर के लिए डुप्लीकेट सिम जारी करवाते हैं, जिसकी वजह से आपके बैंक अकाउंट का एक्सेस उन्हें मिल जाता है। अगर, आपके पास भी इस तरह का कोई भी कॉल या मैसेज आए तो उसे इग्नोर करें।
इसके अलावा आप कभी भी, किसी के साथ पासवर्ड या OTP आदि शेयर न करें। ऐसा करने से साइबर अपराधी को नया सिम जारी करने की आप परमिशन दे देंगे और आपका मौजूदा सिम कार्ड डिएक्टिवेट हो जाएगा और आपका नंबर साइबर अपराधी के पास मौजूद सिम कार्ड में एक्टिवेट हो जाएगा।
सिम कार्ड जारी कराने के लिए आपके निजी डॉक्यूमेट की जरूरत होती है। ज्यादातर लोग अपने निजी डॉक्यूमेंट को आसानी से किसी के साथ शेयर कर देते हैं। अगर, आप भी यह गलती कर रहे हैं, तो तुरंत ऐसा करना बंद कर दें। अगर, किसी के साथ डॉक्यूमेंट शेयर करना जरूरी है तो उस डॉक्यूमेंट की कॉपी पर यह मेंशन कर दें कि किस काम के लिए डॉक्यूमेंट शेयर किया जा रहा है।
किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधी, मैसेज, कॉल आदि को सरकार के Chakshu पोर्टल पर रिपोर्ट करें। ऐसा करने से साइबर अपराधी एजेंसी की निगरानी में आ सकते हैं और बड़े फ्रॉड को रोकने में मदद मिलेगी।
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