DoT ने इंडोर कनेक्टिविटी को बेहतर करने की तैयारी कर ली है। दूरसंचार विभाग ने एयरपोर्ट के अंदर यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए इन-बिल्डिंग सॉल्यूशन देने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है। टेलीकॉम कंपनियां एयरपोर्ट के अंदर 5G डिप्लॉय नहीं कर सकती है, क्योंकि एयरक्राफ्ट अल्टीमेटर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सी-बैंड और 5G के बैंड के बीच कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं।
इन-बिल्डिंग सॉल्यूशन
दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि 3G/4G की बेहतर कनेक्टिविटी होने पर यात्री अपने कई काम कर सकते हैं। जब तक 5G को एयरपोर्ट के अंदर लॉन्च न किया जाए, तब तक इन-बिल्डिंग सॉल्यूशन को यहां लगाया जाए।
दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वो रनवे के 2.1 किलोमीटर के दायरे में 5G डिप्लॉय नहीं कर सकते हैं। डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (DGCA) ने टेलीकॉम कंपनियों के लो फ्रिक्वेंसी पावर आउटपुट वाले 5G नेटवर्क डिप्लॉयमेंट को पहले ही नामंजूर कर दिया है। C बैंड अल्टीमीटर और 5G के रेडियो फ्रिक्वेंसी की वजह से एयरक्राफ्ट की लैंडिंग प्रभावित हो सकती है।
बदले जाएंगे अल्टीमिटर
दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी की मानें तो एयरक्राफ्ट के अंदर मौजूद अल्टीमीटर को बदलने का काम किया जा रहा है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि किस समय टेलीकॉम कंपनियां एयरपोर्ट के अंदर 5G नेटवर्क डिप्लॉय करेगी। ऐसे में बेहतर 4G कवरेज और Wi-Fi नेटवर्क को एयरपोर्ट के अंदर बेहतर करना होगा। सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी सरकार से आग्रह किया है कि एयरपोर्ट पर अल्टीमिटर को बदलने के लिए एक निश्चित डेडलाइन दिया जाए।
इनबिल्डिंग सॉल्यूशन लगाने के लिए टेलीकॉप कंपनियां बिल्डिंग में नेटवर्क बूस्टर डिवाइस लगाते हैं, जिसकी वजह से यूजर को पूरी बिल्डिंग में बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। यूजर 3G/4G कनेक्टिविटी में भी अपने जरूरी काम निपटा सकते हैं। यही नहीं, कॉलिंग और डेटा का भी लाभ मिलेगा।