Friday, November 22, 2024
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डायरेक्ट-टू-मोबाइल सर्विस का ट्रायल जल्द होगा शुरू, बिना इंटरनेट के भी स्मार्टफोन में देख पाएंगे टीवी

Direct-to-Mobile: सरकार ने डायरेक्ट-टू-मोबाइल ब्रॉडकास्टिंग सर्विस की तैयारी पूरी कर ली है। जल्द ही, इसका ट्रायल देश के 19 शहरों में शुरू होगा। लोग अपने फोन में बिना इंटरनेट के भी अपने पसंदीदा टीवी चैनल्स देख पाएंगे।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Updated on: January 19, 2024 9:33 IST
Direct to Mobile, Direct to Mobile Broadband- India TV Hindi
Image Source : FILE सरकार जल्द डायरेक्ट-टू-मोबाइल सर्विस को 19 शहरों में टेस्ट करने वाली है।

Direct-to-Mobile Broadcasting: सरकार ने डायरेक्ट-टू-मोबाइल सर्विस की तैयारी कर ली है। मोबाइल यूजर्स जल्द बिना सिम कार्ड के भी अपने फोन में वीडियो देख पाएंगे। इस टेक्नोलॉजी को IIT कानपुर और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मिलकर डेवलप किया है। यूजर्स अपने मोबाइल डिवाइस पर पसंदीदा टीवी चैनल्स और शो को बिना इंटरनेट के देख पाएंगे। यह टेक्नोलॉजी ठीक उसी तरह काम करेगी, जिसका इस्तेमाल करके आप अपने फोन में FM रेडियो के जरिए गाने सुन सकते हैं। इसके लिए इंटरनेट या डेटा की जरूरत नहीं होगी। केन्द्र सरकार जल्द ही इस सर्विस को देश के 19 शहरों में टेस्ट करने वाली है।

19 शहरों में जल्द शुरू होगा ट्रायल

5G ब्रॉडकास्टिंग समिट में सूचना एंव प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि भारत में डेवलप हुई डायरेक्ट-टू-मोबाइल टेक्नोलॉजी का ट्रायल जल्द 19 शहरों में शुरू होगा। इसके लिए 470-582 MHz स्पेक्ट्रम बैंड को रिजर्व रखा गया है। इस टेक्नोलॉजी के लॉन्च होने के बाद 5G नेटवर्क के 25 से 30 प्रतिशत वीडियो ट्रैफिक को कम किया जा सकेगा, जिसका फायदा यूजर्स को मिलेगा। यूजर्स को पहले के मुकाबले और तेज इंटरनेट मिलने लगेगा, जो देश के डिजिटल इवोल्यूशन और कॉन्टेंट डिलीवरी को फायदा पहुंचाएगा।

पिछले साल डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) टेक्नोलॉजी का ट्रायल बेंगलुरू, दिल्ली के कर्तव्य पथ और नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया था। केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने दावा किया है कि डायरेक्ट-टू-मोबाइल सर्विस का फायदा देश के उन 8 से 9 करोड़ घरों को होगा, जहां TV नहीं है। इस समय देश के 280 मिलियन यानी 28 करोड़ घरों में से केवल 190 मिलियन यानी 19 करोड़ घरों में ही टीवी है। वहीं, देश में 80 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं, जो अपने फोन में 69 प्रतिशत वीडियो कॉन्टेंट एक्सेस करते हैं।

IIT कानपुर ने किया डेवलप

इस टेक्नोलॉजी के आने से मोबाइल नेटवर्क पर पड़ने वाले लोड को कम किया जा सकेगा और वीडियो एक्सेस करने में बफरिंग की शिकायत नहीं आएगी। इस डायरेक्ट-टू-मोबाइल टेक्नोलॉजी को आईआईटी कानपुर के सांख्य लैब ने डेवलप किया है। यह टेक्नोलॉजी मौजूदा टैरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करके वीडियो, ऑडियो और डेटा सिग्नल को कम्पैटिबल मोबाइल और स्मार्ट डिवाइसेज में भेजेगी। इसके अलावा डायरेक्ट-टू-मोबाइल टेक्नोलॉजी के जरिये डेटा ट्रांसमिशन और एक्सेस पर लगने वाले खर्चे को भी कम किया जा सकेगा।

- PTI इनपुट के साथ

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