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चीनी DeepSeek R1 AI पर लगा बैन, यूजर का डेटा चीन भेजने का आरोप

DeepSeek R1 पर बैन लग गया है। तेजी से लोकप्रिय हो रहे चीनी एआई मॉडल के अलावा तीन चीनी सोशल मीडिया ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इनपर यूजर डेटा चोरी करने का आरोप है।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published : Feb 02, 2025 15:55 IST, Updated : Feb 02, 2025 15:55 IST
DeepSeek AI
Image Source : FILE डीपसीक एआई

तेजी से पॉपुलर हो रहे चीनी एआई मॉडल DeepSeek R1 पर बैन लगा दिया गया है। इस एआई टूल पर यूजर का डेटा चीन भेजे जाने का आरोप लगा है। इस एआई के लॉन्च होते ही अमेरिका के सिलिकॉन वैली में पिछले सप्ताह हलचल देखने को मिला था। कई टेक कंपनियों के लिए चीनी एआई ने चुनौती पैदा कर दी। अमेरिकी राज्य टेक्सस के गवर्नर ने सरकारी डिवाइस में डीपसीक एआई टूल के इस्तेमासल पर रोक लगा दी है। इससे पहले भी चीनी एआई टूल पर रोल लगाए जाने की मांग उठी है।

इन सोशल मीडिया ऐप्स पर भी लगा बैन

टेक्सस के गवर्नर ने DeepSeek R1 के अलावा चीनी सोशल मीडिया ऐप्स Xiaohongshu, RedNote और Lemon8 के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। टेक्सस के गवर्नर ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी यहां के क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को डेटा चोरी करने वाले AI और सोशल मीडिया ऐप्स के जरिए प्रभावित नहीं कर पाएगी। गवर्नर ग्रेग एबट ने आगे कहा कि ये विदेशी एक्टर्स टेक्सस को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।

ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले TikTok पर कुछ घंटों के लिए लगे बैन के बाद अमेरिकी यूजर्स के बीच चीनी सोशल मीडिया ऐप Xiaohongshu लोकप्रिय होने लगा है। यह ऐप चीन के साथ-साथ मलेशिया और ताइवान में लोकप्रिय है। इस ऐप के 300 मिलियन डेली एक्टिव यूजर्स हैं और यह TikTok को कड़ी चुनौती दे रहा है। कई अमेरिकी यूजर्स ने टिक-टॉक के विकल्प के तौर पर इस ऐप को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। 

डेटा चोरी का आरोप

बैन हुआ Lemon8 भी टिक-टॉक की पैरेंट कंपनी ByteDance का ऐप है। टिक-टॉक बैन की खबरों के बीच यह ऐप भी अमेरिका में काफी लोकप्रिय होने लगा। टेक्सस के इस फैसले के बाद कई और फेडरल सरकारें चीनी ऐप्स और एआई टूल्स पर प्रतिबंध लगा सकती हैं। चीन पर पहले से ही डेटा चोरी का आरोप लगता रहा है। टिक-टॉक को भारत समेत कई देशों में इसी वजह से बैन किया गया है।

DeepSeek R1 के जरिए डेटा चोरी के आरोप अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी Perplexity AI पर भी लगा है। हालांकि, कंपनी के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने पिछले दिनों कंफर्म किया है कि अमेरिकी यूजर्स का डेटा अमेरिका और यूके में बने डेटा सेंटर में ही स्टोर किए जाएंगे। 

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