Wednesday, October 02, 2024
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चीनी मोबाइल कंपनियों OnePlus, iQoo, Poco पर मनमानी का आरोप, सरकार से लाइसेंस रद्द करने की मांग

OnePlus, iQOO और POCO जैसे चीनी स्मार्टफोन ब्रांड पर मनमानी का आरोप लगा है। सरकार से इन कंपनियों के लाइसेंस को रद्द करने की मांग की गई है। मोबाइल रिटेलर्स असोसिएशन ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Updated on: October 01, 2024 16:25 IST
OnePlus Nord 4- India TV Hindi
Image Source : FILE OnePlus Nord 4

चीनी मोबाइल कंपनियों OnePlus, iQOO और Poco पर मनमानी करने का आरोप लगा है। मोबाइल रिटेलर्स ने सरकार से इन कंपनियों के लाइसेंस को रद्द करने की मांग की है। इन चीनी कंपनियों पर भारत में एंटी कंपिटिटिव प्रैक्टिस का आरोप लगा है, जिसकी वजह से अन्य ब्रांड को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स असोसिएशन (AIMRA) ने इस मामले में केन्द्रीय कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

चीनी कंपनियां कर रही मनमानी

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, AIMRA के चेयरमैन और फाउंडर कैलाश लखयानी ने कहा है कि CCI रिपोर्ट्स और लगातार अनुवर्ती कार्रवाई के बावजूद, ये कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon के साथ विशेष साझेदारी बनाए हुए है और खुदरा स्टोरों के माध्यम से प्रोडक्ट्स को वितरित करने से इंकार करके नियमों का लगातार उल्लंघन कर रही हैं। इसके अलावा, ई-कॉमर्स से रिटेल चैनल में प्रोडक्ट्स का अनधिकृत डायवर्जन फंड रोटेशन को बाधित करता है और सरकारी खजाने को अतिरिक्त रोटेशनल GST से लाभ उठाने के अवसर से वंचित करता है।

देश में मौजूद करीब 1.5 मिलियन यानी 15 लाख से ज्यादा मोबाइल रिटेलर्स को रिप्रजेंट करने वाली बॉडी ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स असोसिएशन (AIMRA) ने कहा है कि स्थानीय व्यवसायों की रक्षा करना और देश में निष्पक्ष ट्रेड प्रैक्टिस को कायम रखना महत्वपूर्ण है।

हाशिए पर खुदरा विक्रेता

AIMRA के चेयरमैन ने आगे कहा कि प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स पर एक्सक्लूसिव सेल की परेशान करने वाली प्रवृत्ति ने स्थानीय खुदरा विक्रेताओं को हाशिए पर डाल दिया है और नियमों के अनुपालन के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। कई चीनी कंपनियां ग्रे मार्केट गतिविधियों का समर्थन करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म का उपयोग करके इसी तरह की कार्यप्रणाली का पालन करती हैं, जिससे भारत में निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को कमजोर किया जाता है।

लाइसेंस रद्द करने की मांग

AIMRA ने 27 सितंबर को सांसद प्रवीण खंडेलवाल को लिखे पत्र में इन सभी मुद्दों का जिक्र किया है। मोबाइल रिटेलर्स ने इस मामले में वित्त और कॉमर्स मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग की है। हाल ही में आई CCI की रिपोर्ट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के बीच चल रहे एंटी कंपीटिटिव प्रैक्टिस की पोल खोल दी है। AIMRA के चेयरमैन ने उन कंपनियों के लाइसेंस को रद्द करने की मांग की है, जो लोकल बिजनेस और फेयर ट्रेड प्रैक्टिस का पालन नहीं कर रही हैं।

ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स असोसिएशन का कहना है कि चीनी कंपनी Vivo का सब ब्रांड iQOO केवल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon-Flipkart के जरिए ही अपने प्रोडक्ट बेच रहा है। ऐसे ही, कई और चीनी ब्रांड भी अपने प्रोडक्ट्स को एक्सक्लूसिविली ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे में मोबाइल रिटेलर्स के लिए ग्राहकों की डिमांड को पूरा करना मुश्किल हो गया है।

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