CEIR Technology: दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को संचार साथी पोर्टल की शुरुआत कर दी है। इसके जरिये लोग अब पूरे भारत में अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन की निगरानी कर सकते हैं। इस पोर्टल से फोन को ब्लॉक भी किया जा सकेगा। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि संचार साथी पोर्टल के माध्यम से लोग पुराने उपकरणों को खरीदने से पहले उसकी सत्यता की जांच कर सकेंगे। वैष्णव ने कहा कि संचार साथी पोर्टल का पहला चरण सीईआईआर (केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर) है। यदि आपका मोबाइल फोन खो जाता है, तो आप इस पोर्टल पर जा सकते हैं। कुछ पहचान संबंधी सत्यापन करने होंगे और उसके तुरंत बाद पोर्टल कानून प्रवर्तन एजेंसियों और दूरसंचार कंपनी से संपर्क करेगा। आपके खोए हुए फोन को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
फटाफट काम करेगा ये टेक्नोलॉजी
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि उपयोगकर्ता सुरक्षा पर बहुत ध्यान दिया जाए और संचार साथी पोर्टल इसी दिशा में उठाया गया कदम है। व्हॉट्सएप पर कॉल के जरिये धोखाधड़ी के मामलों की जांच के बारे में पूछने पर मंत्री ने कहा कि मेटा के स्वामित्व वाला ऐप धोखाधड़ी में शामिल किसी भी मोबाइल फोन नंबर से जुड़ी सेवाओं को निष्क्रिय करने पर सहमत हो गया है। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी के चलते 36 लाख मोबाइल कनेक्शन को बंद कर दिया गया है और साथ ही उनके व्हॉट्सएप खाते को ब्लॉक कर दिया गया है।
आईएमईआई नंबरों से चोरी के मोबाइल का इस्तेमाल रुकेगा
सरकार ने भारत में मोबाइल उपकरणों की बिक्री से पहले इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (आईएमईआई-15 अंक की संख्या) का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है। मोबाइल नेटवर्क के पास मंजूर आईएमईआई नंबरों की सूची होगी, जिससे उनके नेटवर्क में चोरी के मोबाइल फोन के प्रवेश का पता लग सकेगा। दूरसंचार परिचालकों और सीईआईआर प्रणाली के पास उपकरण के आईएमईआई नंबर और उससे जुड़े मोबाइल नंबर की जानकारी होगी। कुछ राज्यों में इस सूचना का उपयोग सीईआईआर के जरिये गुम या चोरी गए मोबाइल फोन का पता लगाने के लिए किया जाएगा।