Indian Railway Train coach Fan Technology: भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। टेक्नोलॉजी के दम पर भारतीय रेलवे नए अपने सिस्टम और पूरे प्लेटफॉर्म पर कई बड़े बदलाव किए हैं। आपने भी कभी न कभी ट्रेन में तो जरूर सफर किया होगा। ट्रेन के कोच में लगे पंखे पर भी आपकी नजर गई होगी। क्या आपने कभी सोचा है कि ये पंखे किस तरह से काम करते हैं? क्या ट्रेन के पंखों को घर में लगाया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं कि ट्रेन में लगे पंखे किस टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं और यह घरों में लगे सामान्य पंखों से किस तरह से अलग होते हैं।
भारतीय रेलवे अपने यात्रियों की सुविधा का बेहद ख्याल रखती है। रेलवे अलग अलग कोच में अलग-अलग तरह की सुविधाएं देती है। भारतीय रेलवे की ट्रेनों के सामान्य और स्लीपर कोच में पंखे लगाए जाते हैं ताकि यात्रियों को गर्मी न लगे। यात्रियों की सुविधा के लिए लगाए जाने वाले पंखों को कुछ वर्षों पहले तक चोर आसानी से चुरा लेते थे लेकिन, अब ऐसा नहीं है। चोरों से पंखों को बचाने के लिए रेलवे एक खास तरह की टेक्नोलॉजी का प्रयोग इन पर करता है।
घर के पंखे ट्रेन के पंखे से अलग होते हैं
अगर आप सोचते हैं कि इन पंखों को ले जाकर घर में इस्तेमाल कर लें तो ऐसा संभव नहीं है। ट्रेन में लगे पंखे घर में लगे पंखे से बहुत अलग होते हैं। इन्हें घर पर नहीं चलाया जा सकता। हम सब जानते हैं कि घर में दो तरह की बिजली का प्रयोग होता है जिसे हम एसी यानी अल्टरनेटिव करेंट और डीसी यानी डायरेक्ट करेंट के नाम से जानते हैं।
इस वजह से घर में काम नहीं करेंगे ट्रेन में लगे पंखे
घर में एसी बिजली का प्रयोग करने पर ज्यादा से ज्यादा पावर 220 बोल्ट तक रहता है और अगर डीसी का प्रयोग किया जा रहा है तो पावर 5, 12 और 24 रहता है। ट्रेन के पंखे को 110 वोल्ट की जरूरत होती है और यह सिर्फ डीसी से चलते हैं। घर की बिजली 24 वोल्ट से ज्यादा डिसी नहीं देती। यही कारण है कि ट्रेन के पंखों को घर में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
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