दिग्गज कंपनी मेटा की तरफ से सिख समर्थित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है। मेटा ने कुछ ऐसे अकाउंट्स की पहचान की है जो अपने आपको सिख समुदाए से जुड़ा हो बता रहे थे और साथ ही यह अकाउंट्स भारत सरकार के प्रमुख आलोचक भी थे। मेटा ने ऐसे अकाउंट्स पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तुरंत बंद कर दिया है।
मेटा की तरफ से एक सोशल मीडिया में मौजूद अकाउंट की जानकारी देते हुए कहा गया कि आद्या सिंह नाम का एक अकाउंट अपने आपको यूके में शिक्षा पाने वाली पंजाबी लड़की के रूप में पेश करती है। प्रोफाइल के मुताबिक आद्या दिल्ली में रहती है और सिख विरासत और संस्कृति के प्रति गहराई से भावनात्मक जुड़ाव रखती है। आद्या भारत की केंद्र सरकार की मुखर आलोचक है। उनके अधिकतर सोशल मीडिया पोस्ट खालिस्तान का समर्थन करते हुए पाए जाते हैं। आद्या सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट को लेकर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। यह खुलासा मेटा की तरफ से किया गया है।
आद्या का अकाउंट फर्जी प्रोफाइल नेटवर्क का हिस्सा
दरअसल आद्या सिंह नाम वास्तव में कोई अस्तित्व नहीं है। मेटा की रिपोर्ट के मुताबिक आद्या सिंह नाम का सोशल मीडिया अकाउंट चीन समर्थित था और यह जीन के फर्जी प्रोफाइल नेटवर्क का हिस्सा था। इस सोशल मीडिया अकाउंट पर भारतीय खुफिया एजेंसी को भी लंबे समय से संदेह था। अब इस अकाउंट को लेकर कई तरह के सबूत भी सामने आ गए हैं।
इंस्टाग्राम, फेसबुक, टेलिग्राम और एक्स से जुड़े कई ऐसे अकाउंट की पहचान की गई है जो कथित तौर पर सिख समुदाए को टार्गेट करते हैं और जिन्होंने भारत समेत कम से कम सात देशों में भारतीय सरकार की जमकर आलोचना की है। ये सभी अकाउंट चीन से जुड़े पाए गए हैं।
मेटा ने हटाए अकाउंट
मेटा ने करीब 60 ऐसी एजेंसी की पहचान की है और उन्हें नष्ट किया जिनमें ऐसे खाते शामिल हैं जिनमें भारत में होने वाले 2024 के आम चुनाव से पहले अफवाह फैलाने और भ्रमित करने वाले पोस्ट किए गए। मेटा ने बताया कि यह नेटवर्क चीन से शुरू हुआ और फिर यह आस्ट्रेलिया, भारत, कनाडा, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, और यूके में मौजूद सिख समुदाए को टार्गेट कर रहा था। मेटा ने कहा कि ये नेटवर्क सबसे पहले भारत और तिब्बत को टार्गेट कर रहा था। मेटा की तरफ से ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट को हटा दिया गया है।
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