
देश के 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स के पुराने सिम बंद हो सकते हैं। इसकी जगह नए सिम कार्ड दिए जाएंगे। साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने पुराने सिम कार्ड को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इनमें से कुछ सिम कार्ड को चीनी कंपनियों ने बनाया है। गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली एजेंसी नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर (NCSC) की जांच में पुराने सिम कार्ड को बदलने की बात कही गई है।
सुरक्षा में सेंध का खतरा
Mint में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पुराने सिम कार्ड चीनी कंपनियों द्वारा बनाए जाने की वजह से उसके जरिए देश की सुरक्षा में सेंध लग सकती है। सिम यानी सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल एक छोटी चिप होती है, जिसमें मोबाइल यूजर की अहम जानकारियां दर्ज होती है। इनमें यूजर के डिवाइस का मॉडल, IMEI नंबर, लोकेशन, पता, फोन नंबर आदि शामिल हैं। इन जानकारियों के लीक होने से यूजर की डिजिटल आइडेंटिटी के खोने का खतरा हो सकता है।
सिम रिप्लेसमेंट के लिए तैयार होगा फ्रेमवर्क
हालांकि, NCSC ने माना है कि पुराने सिम कार्ड को नए सिम कार्ड से रिप्लेस करने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होगी और कई तरह की तकनीकी और लीगल चुनौतियां भी आड़े आ सकती हैं। एजेंसी ने इस संदर्भ में टेलीकॉम ऑपरेटर्स - Airtel, Jio, Vodafone Idea और BSNL के अधिकारियों के साथ हाल ही में एक मीटिंग की है। इस मीटिंग में यूजर्स के पुराने सिम कार्ड को नए के साथ रिप्लेस करने के लिए एक निश्चित फ्रेमवर्क तैयार किए जाने की बात कही गई है।
भारत में इस समय करीब 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स हैं, जिनमें से कुछ ही यूजर्स के पास पुराने सिम कार्ड होंगे, जिन्हें चीनी कंपनियों द्वारा बनाया गया है। मार्च 2021 में दूरसंचार विभाग (DoT) ने यूनिफाइड एक्सेस सर्विस लाइसेंस के नियम में संसोधन करते हुए टेलीकॉम ऑपरेटर्स को निर्देश दिया था कि वो कोई भी इक्विपमेंट्स असुरक्षित वेंडर्स से न खरीदें। नए नियमों के तहत NCSC के अप्रूवल के बिना कोई भी कंपनी टेलीकॉम इक्विपमेंट्स सप्लाई नहीं कर सकती हैं।
भरोसेमंद सोर्स से ही खरीदें टेलीकॉम इक्विपमेंट्स
वहीं, 2023 के टेलीकॉम एक्ट में भी सरकार ने भरोसेमंद सोर्स से ही टेलीकॉम इक्वीपमेंट्स खरीदने को लेकर निर्देश दिए हैं। टेलीकॉम इक्वीपमेंट्स बनाने वाली चीनी कंपनियों Huawei और ZTE को भारत में पहले ही बैन कर दिया गया है। हालांकि, बैन होने से पहले इन कंपनियों ने कई टेलीकॉम ऑपरेटर्स के लिए सिम कार्ड और नेटवर्क इक्वीपमेंट्स बनाए थे।
NSCS की यह जांच दूरसंचार विभाग, गृह मंत्रालय और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ की जा रही है। दूरसंचार कंपनियों को वियतनाम और ताईवान के वेंडर्स से टेलीकॉम इक्वीपमेंट्स खरीदने के लिए निर्देश दिए गए हैं। ये वेंडर्स एजेंसी की तरफ से भारत में टेलीकॉम इक्वीपमेंट्स बेचने के लिए अधिकृत हैं।
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