निजी टेलीकॉम कंपनियों Airtel, Jio और Vi (Vodafone-Idea) ने जुलाई में अपने रिचार्ज प्लान महंगे कर दिए हैं। टेलीकॉम कंपनियों के महंगे प्लान की वजह से यूजर्स की जेब पर पहले के मुकाबले 25 प्रतिशत तक का बोझ बढ़ा है। सामने आ रही रिपोर्ट्स की मानें तो टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर से यूजर्स को झटका दे सकती हैं। यूजर्स को एक बार फिर से रिचार्ज प्लान के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। इसकी वजह TRAI की नई पॉलिसी हो सकती है।
क्या है TRAI की नई पॉलिसी?
दूरसंचार नियामक (TRAI) ने दूरसंचार विभाग (DoT) से फर्जी कॉल और मैसेज को लेकर नई पॉलिसी लाने के लिए कह दिया है। 1 अक्टूबर 2024 से यह नई पॉलिसी लागू हो जाएगा। जो टेलीकॉम कंपनी ट्राई की इस नई पॉलिसी को फॉलो नहीं करेगी, उनपर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। ट्राई ने दूरसंचार विभाग से उन टेलीकॉम कंपनियों से भारी जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया है, जो फर्जी कॉल्स और मैसेज रोकने में नाकाम रहेंगी।
TRAI की तरफ से DoT को जुर्माना वसूलने के लिए टेलीकॉम कंपनियों की बैंक गारंटी जब्त करने तक का सुझाव दिया गया है। ट्राई के पास यह अधिकार भी है कि अगर कोई टेलीकॉम कंपनी नियम फॉलो नहीं करती है, तो उसका लाइसेंस भी रद्द कर सकता है।
क्या होगा इसका असर?
दूरसंचार विभाग टेलीकॉम कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने के बजाय भारी जुर्माना वसूलने वाली बात पर सहमत हो सकता है। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है, जिसे वो यूजर्स से वसूल सकती हैं। पहले ही टेलीकॉम कंपनियां अपने घाटे को कम करने के लिए ARPU यानी एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर को बढ़ा रही हैं, जिसकी वजह से हाल ही में रिचार्ज प्लान महंगे किए गए हैं।
अब तक टेलीकॉम कंपनियों का इतिहास रहा है कि वो अपने घाटे को कम करने या फिर नई टेक्नोलॉजी में निवेश करने के लिए यूजर्स पर अतिरिक्त बोझ डालने का काम किया है। अगर, टेलीकॉम कंपनियों को जुर्माना देना पड़ गया, तो उनके ARPU पर इसका असर होगा और रिचार्ज प्लान महंगे किए जा सकते हैं।
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