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सोमवार को दुनिया भर में हो सकते हैं साइबर हमले, कंप्यूटर्स खतरे में

सुरक्षा शोध से जुड़ी एक संस्था ने रविवार को चेतावनी दी है कि शुक्रवार को हुए वैश्विक हमले के बाद दूसरा बड़ा साइबर हमला सोमवार को हो सकता है। बीते शुक्रवार को हुए वैश्विक हमले से दुनिया भर के 125,000 से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम संक्रमित हो गए थे।

IANS
Published : May 14, 2017 18:28 IST
Representational Image
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लंदन: सुरक्षा शोध से जुड़ी एक संस्था ने रविवार को चेतावनी दी है कि शुक्रवार को हुए वैश्विक हमले के बाद दूसरा बड़ा साइबर हमला सोमवार को हो सकता है। बीते शुक्रवार को हुए वैश्विक हमले से दुनिया भर के 125,000 से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम संक्रमित हो गए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के सुरक्षा शोधकर्ता 'मैलवेयर टेक' ने भविष्यवाणी की कि दूसरा हमला सोमवार को होने की संभावना है। मैलवेयर टेक ने ‘रैनसमवेयर’ हमले को सीमित करने में मदद की।

इस ‘रैनसमवेयर’ वायरस ने उपभोक्ताओं की फाइलों को अपने नियंत्रण में ले लिया। यह वायरस स्पेन, फ्रांस और रूस सहित 100 देशों में फैल गया। इंग्लैंड में 48 राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं (NHS) ट्रस्ट व स्कॉटलैंड के 13 NHS निकाय इसके शिकार हुए। इससे कुछ अस्पतालों को अपनी सेवाएं रद्द करनी पड़ी। कंप्यूटरों को नियंत्रण में लेने के बाद वायरस ने एक संदेश प्रस्तुत किया, जिसमें फाइलों को खोलने और उपभोक्ताओं के इस्तेमाल करने के लिए आभासी मुद्रा में 300 डॉलर बिटकॉइन के भुगतान की मांग की गई। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक डोमेन का पंजीकरण कराए जाने के बाद मैलवेयर टेक का 'आकस्मिक हीरो' के तौर पर स्वागत किया गया। मैलवेयर टेक अपनी पहचान नहीं जाहिर करना चाहता।

इस 22 वर्षीय व्यक्ति ने कहा, ‘हमने इसे रोक दिया है, लेकिन कोई दूसरा आ रहा है और इसे हम नहीं रोक पाएंगे। उनके पास इस काम को करने के अच्छे मौके हैं। इस वीकेंड नहीं, लेकिन इसे सोमवार सुबह तक करने की संभावना है। वन्नाक्रिप्ट का वर्जन 1 रोक दिया गया, लेकिन वर्जन 2.0 को शायद ही हटाया जा सके। इस हमले से आप तभी सुरक्षित हैं, यदि आप जल्द से जल्द मरम्मत कर सकें।’ जांचकर्ता शुक्रवार से ‘रैनसमवेयर’ का इस्तेमाल करने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका इस्तेमाल करने वालों को वाना डिक्रिप्टर या वानाक्राई के नाम से जाना जाता है। यह वायरस माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सॉफ्टवेयर के भेद्यता का लाभ उठाता है, जिसकी पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा पहचान की गई थी।

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