नई दिल्ली: मेसेजिंग एप वॉट्सऐप ने आज ‘फॉरवर्ड मेसेज इंडीकेटर’ सेवा की शुरुआत की। इस सेवा से अब किसी भी उपयोक्ता को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि उसे प्राप्त हुआ संदेश वास्तविक है या किसी और के संदेश को उसे आगे भेजा (फॉरवर्ड) गया है। कंपनी ने ऐसा देश में झूठी खबरों, अफवाह फैलने और गलत जानकारी से उपयोक्ताओं को बचाने के लिए किया है। उल्लेखनीय है कि कंपनी देश में भड़काऊ संदेश और अफवाहें फैलने को लेकर विवादों में घिरी है। इसके लिए उसने आज देशभर के प्रमुख अखबारों में पूरे पेज के विज्ञापन भी दिए हैं।
कंपनी ने एक वैश्विक विज्ञप्ति में जानकारी दी कि वॉट्सऐप पर अब उपयोक्ता को यह पता चल जाएगा कि कौन-से संदेश उसे अग्रेषित (फॉरवर्ड) किए गए हैं। इससे उपयोक्ताओं को एक-दूसरे के साथ और व्हाट्सएप समूहों में बातचीत करने में सरलता होगी। इस सुविधा से उपयोक्ता को यह भी पता चलेगा कि उसके मित्र या रिश्तेदार द्वारा भेजा गया संदेश उन्होंने ही लिखा है या कहीं और से आया है। इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए उपयोक्ता को फोन में व्हाट्सएप का नवीनतम संस्करण रखना होगा।
कंपनी ने कहा, ‘‘वॉट्सऐप आपकी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित है। हम आपको अग्रेषित किए गए संदेशों को साझा करने से पहले एक बार सोचने की सलाह देते हैं। इसे आगे भेजने से बचने के लिए आप एक टच से स्पैम (गलत संदेश) की रिपोर्ट कर सकते हैं या उस संपर्क को ब्लॉक कर सकते हैं।’’ देश के कई इलाकों में व्हाट्सएप पर प्रसारित ‘बच्चा चोरी’ की झूठी खबरों, अफवाहों की वजह से भीड़ के पीट-पीट कर लोगों को जान से मार देने की कई हालिया घटनाएं हुई हैं।
इस संबंध में पिछले हफ्ते सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने वॉट्सऐप से ज्यादा जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए कहा था। साथ ही कहा था कि सरकार इस मामले में मंच के फर्जी खबर फैलाने के लिए उपयोग किए जाने को सहन नहीं करेगी। फेसबुक के स्वामित्व वाले वॉट्सऐप ने आज प्रमुख समाचार पत्रों में पूरे-पूरे पृष्ठ के विज्ञापन देकर लोगों को झूठी खबरों से बचने की सलाह दी है।
इन विज्ञापन में वॉट्सऐप ने कहा है, ‘‘हम एक साथ मिलकर गलत जानकारी की समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों, सरकार और सामुदायिक संगठनों को मिलकर काम करना होगा। अगर आपको कुछ ऐसा दिखाई देता है जो आपको लगता है कि सच नहीं है तो कृपया उसकी रिपोर्ट करें।’’
इस विज्ञापन में वॉट्सऐप ने उपयोक्ताओं से अनुरोध किया है कि वे अग्रेषित किए गए संदेशों से सावधान रहें, परेशान करने वाली जानकारी पर खुद से सवाल उठाएं, जिस जानकारी पर यकीन करना मुश्किल हो उसकी जांच करें, संदेशों में मौजूद फोटो या वीडियो को ध्यान से देखें, लिंक की जांच करें और संदेशों को सोच समझकर साझा करें।