नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा सोमवार को देश की अखंडता और सुरक्षा का हवाला देते हुए चीन की 59 मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इनमें कुछ बहुत लोकप्रिय मोबाइल एप जैसे टिकटॉक, यूसी न्यूज, कैम स्कैनर आदि भी शामिल हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर चीन की टेक्नोलॉजी कंपनियां भारतीयों के डाटा के साथ ऐसा क्या कर रही थीं, जिससे पूरे देश के लिए खतरा पैदा हो गया। इस बात को समझाने के लिए साइबर एक्सपर्ट रितेश भाटिया सामने आए हैं। भाटिया ने बताया कि भारत सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला एक अच्छा कदम है। सरकार को इस फैसले पर आगे भी कायम रहना चाहिए।
भाटिया ने कहा कि हालांकि यह कदम बहुत पहले ही उठा लिया जाना चाहिए था। उन्होंने बताया कि चीनी कंपनियां भारतीयों की जानकारी एकत्रित करती हैं और फिर इस एकत्रित किए गए डाटा का इस्तेमाल एनालिटिकल के तौर पर करती हैं। इतना ही नहीं ये सभी चीनी कंपनियां अपनी सरकार के निर्देशों के तहत इस डाटा का भी इस्तेमाल करती थीं।
भाटिया ने कहा कि भले ही यह फैसला पॉलिटिकल है, लेकिन इसे आगे भी जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीनी एप के न होने पर भारतीयों के पास कई अन्य विकल्प मौजूद हैं। रितेश भाटिया के मुताबिक बहुत से ऐसे ऑप्शन हैं, जो मौजूदा बैन किए गए ऐप के रिप्लेसमेंट के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हें। यह सभी विकल्प भारतीय हैं और एकदम सुरुक्षित भी। इसलिए लोगों को इनके बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।