बार्सिलोना: वोडाफोन, भारती एयरटेल, चाइना मोबाइल और सॉफ्टबैंक जैसे दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स 4जी से भी तेज़ गति की मोबाइल इंटरनेट सर्विस 5जी का विकास पांच साल लंबे जीटीआई 2.0 प्रोग्राम के ज़रिए करेंगे।
एयरटेल, वोडाफोन और एयरसेल ने लॉन्च की 4जी सर्विसेज़
भारत में भारती एयरटेल पहले ही 4जी सर्विस (TD-LTE और FD-LTE) को लॉन्च कर चुकी है। इसके अलावा एयरसेल और बीएसएनएल ने भी 4जी (TD-LTE) सर्विस को कुछ सर्कल्स में लॉन्च कर दिया है। उधर, रिलायंस जिओ इन्फोकॉम, जिसके पास भारत में 4जी सर्विसेज़ शुरू करने का स्पेकट्रम है, भी जल्द ही 4जी सर्विसेज़ शुरू कर सकती है। वोडाफोन ने भी कुछ सर्कल्स में 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा देना शुरू कर दिया है।
पूरे देश में 4जी सर्विसेज़ रोल-आउट होने से मिलेगा डिजिटल इंडिया को बल
ऐसी उम्मीदें की जा रही हैं कि पूरे भारत में 4जी सर्विसेज़ उपलब्ध होने और टैरिफ चार्ज़ेज़ के कुछ कम होने पर देश में डिजिटल क्रांति को एक नया बल मिलेगा। भारतीय यूज़र्स का कॉन्टेंट कंज़ंप्शन बढ़ेगा। तभी हम कह सकते हैं कि भारत 4जी से अगली पीढ़ी की मोबाइल सेवा 5जी के लिए तैयार होगा।
4जी से अगली जेनेरेशन की सर्विसेज़ का विकास GTI का लक्ष्य
GTI की स्थापना 2011 में की गई थी। इसके 122 ऑपरेटर्स और 103 इंडस्ट्रियल पार्टनर्स सदस्य हैं। अब तक इंडस्ट्री ने GTI 1.0 mission पूरा कर लिया है। बताया जाता है कि दिसंबर 2015 के अंत तक 43 देशों में 76 TD-LTE कमर्शियल नेटवर्क औऱ 91 TD-LTE नेटवर्क पर काम जारी था और दुनिया में 470 मिलियन सब्सक्राइबर थे। भारतीय एयरटेल ने भारत में TD-LTE टेक्नोलॉजी के रोल-आउट में अपना योगदान दिया है और कंपनी ने उम्मीद जताई है कि आने वाले वक्त में यह मोबाइल टेक्नोलॉजी के विकास में एक स्टैंडर्ड की तरह उभरेगा।