लास वेगस: दुनिया के कंप्यूटर्स को पिछले वर्ष मई में साइबर हमले ‘वॉनाक्राई’ से बचाने का श्रेय अपने नाम करनेवाले एक ब्रिटिश युवा रिसर्चर मार्कस हचिंस को कथित रूप से अवैध सॉफ्टवेयर बांटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह सॉफ्टवेयर बैंक अकाउंट पासवर्ड जमा करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। हचिंस को ब्रिटेन वापस जाने के दौरान अमेरिका के लास वेगास से हिरासत में लिया गया है। वह यहां हैकर्स और सूचना सुरक्षा गुरू के सालाना समारोह में आए हुए थे।
हचिंस पर क्रोनस बैंकिंग ट्रोजन नामक एक मैलवेयर बनाने और उसे बांटने का आरोप है। इस तरह का मैलवेयर वेब ब्राउजर को संक्रमित करके और उपयोक्ता के बैंक यूजरनेम, पासवर्ड और अन्य खुफिया सूचनाओं का पता लगाता है। मार्कस हचिन्स मैलवेयरटेक उपनाम के तहत ब्लॉगिंग करते हैं। अमेरिका के न्याय विभाग ने मंगलवार को एक बयान जारी किया जिसमें बताया गया है कि उनके ऊपर जुलाई में क्रोनोस बैंकिंग ट्रोजन को बनाने और फैलाने से संबंधित साइबर अपराध के आरोप हैं।
हचिंस को हिरासत में लेने की खबर साइबर सुरक्षा समुदाय के लिए झटके की तरह है। रिसर्चर के समर्थन में कई लोग उनके साथ हैं। हचिंस के तेजतर्रार सूझ-बूझ की शक्ति ने ही वॉनाक्राई वायरस हमले पर काबू पाने और उसे फैलने से रोकने में मदद की थी। पिछले वर्ष मई में इस वायरस से हजारों कंप्यूटर प्रभावित हो गए थे।