नई दिल्ली। ट्विटर ने ऐलान किया है कि वह राज्य द्वारा नियंत्रित मीडिया संगठनों के ट्वीट्स को एम्पलीफाई नहीं करेगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों- चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के सरकारी मीडिया संगठनों व प्रमुख सरकारी अधिकारियों के एकांउट्स को लेबल करेगा। ट्विटर ने कहा कि उनकी लेबलिंग की नई नीति में इन पांच देशों से प्रमुख सरकारी अधिकारियों के एकाउंट्स शामिल होंगे, जैसे कि विदेशी मंत्री, संस्थागत संस्थाएं, राजदूत, आधिकारिक प्रवक्ता और प्रमुख राजनयिक नेता इत्यादि।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस वक्त हमारा ध्यान उन वरिष्ठ अधिकारियों और संस्थाओं पर है, जो विदेशी राज्यों की आधिकारिक आवाज हैं। इस कदम से जो एकाउंट्स प्रभावित होंगे, वे नोटिफिकेशंस या सर्च रिजल्ट में कम दिखाई देंगे।
ट्विटर राज्य से संबद्ध मीडिया संस्थाओं, उनके संपादकों और उनके वरिष्ठ कर्मचारियों के एकाउंट्स को भी लेबल करेगा। इस कदम के तहत रूस के आरटी और चीन की सिन्हुआ समाचार एजेंसी जैसे राज्य-नियंत्रित मीडिया संगठनों को भी लेबल किया जाएगा। ट्विटर ने साल 2019 में सभी राज्य समर्थित मीडिया विज्ञापनों और राजनीतिक विज्ञापनों को ट्विटर से प्रतिबंधित कर दिया था।
कंपनी ने कहा कि पारदर्शिता और व्यावहारिकता के लिए हम भविष्य में कई अन्य देशों में विस्तार करने से पहले स्पष्ट रूप से परिभाषित एक सीमित समूह के साथ इसकी शुरूआत कर रहे हैं। कंपनी ने कहा कि फिलहाल उनकी तरफ से राज्य प्रमुखों के पर्सनल एकांउट्स को लेबल नहीं किया जा रहा है क्योंकि इनसे लोग पहले से ही वाकिफ हैं। कंपनी ने कहा, हालांकि इनके कार्यालयों से जुड़े संस्थागत एकांउट्स को लेबल किया जाएगा, जिनमें चुनाव परिणामों के आधार पर परिवर्तन होते रहते हैं।
ट्विटर ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा फंडेड लेकिन संपादकीय स्वतंत्रता रखने वाले मीडिया आउटलेट्स जैसे कि ब्रिटेन में बीबीसी और अमेरिका में एनपीआर को लेबल नहीं किया जाएगा। ट्विटर ने बताया कि अब हम अपने रिकमंडेशन सिस्टम के जरिये राज्य-संबद्ध मीडिया एकाउंट्स या उनके ट्वीट्स को एम्प्लीफाई नहीं करेंगे। जिन एकाउंट्स को लेबल किया जाएगा ट्विटर की ओर से उसके बारे में सूचित कर दिया जाएगा और अगर एकाउंट ओनर को लगता है कि कंपनी ने कोई गलती की है तो वे सीधे तौर पर कंपनी से संपर्क भी कर सकते हैं।