नई दिल्ली: फेस्टिवल सीजन या इमरर्जेंसी के वक्त ट्रेन का रिजर्व टिकट मिलना किसी सपने से कम नहीं है। लेकिन दो छात्रों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। आईआईटी खड़गपुर के दूसरे वर्ष के छात्र रुणाल जाजू और उनके भाई शुभम ने एक ऐसा मोबाइल App शुरू किया है जो ट्रेन का कन्फर्म्ड टिकट पाने में आपकी मदद करेगा। शुभम जमशेदपुर एनआईटी के छात्र हैं। इस एप का नाम टिकट जुगाड़ रखा गया है। अपनी अनूठी प्रोग्रामिंग के चलते यह सीट के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश करता है। साथ ही हर स्टेशन के लिए रेलवे के पैसेंजर कोटे की मदद से ये एप सीट दिलवाने में कारगर साबित होता है। जाजू महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं और औरंगाबाद से खड़गपुर के सफर में टिकट मिलने की कठिनाइयों ने उन्हें यह App विकसित करने की प्रेरणा दी।
ऐसे काम करता है यह एप
एप्प के विकास में साझीदार रूणाल जाजू ने बताया, टिकट बुकिंग के लिए स्टेशन-वार कुछ कोटा निर्धारित होता है। मिसाल की तौर पर आप स्टेशन ‘A’ से टिकट बुक कर रहे हैं, यह वेटिंग लिस्ट दिखा सकता है, लेकिन जब किसी पिछले स्टेशन से बुक कराते हैं तो हो सकता है कि आपको टिकट मिल जाए। अगर आप ऐसे स्टेशन को खुद से खोजना चाहें तो यह मुश्किल होगा, लेकिन हमारा App इसे स्वत: कर देता है। आईआईटी के उद्यमशीलता प्रकोष्ठ ने इस App को सपार्ट दिया है और इस स्टार्ट अप को आईआईटी खड़गपुर के वार्षिक ग्लोबल बिजनेस माडल कंपटीशन में डेढ़ लाख रुपये का इनाम मिला है।
फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं एप
मजे की बात है कि छात्रों का यह App मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। साथ ही, यह सेवा प्रदान करने के लिए कोई शुल्क नहीं लेता। जाजू महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं और औरंगाबाद से खड़गपुर के सफर में टिकट मिलने की कठिनाइयों ने उन्हें यह App विकसित करने की प्रेरणा दी। उल्लेखनीय है कि रेल विभाग यात्रियों को बुकिंग स्टेशन के बाद वाले स्टेशनों से रेलगाड़ी पर सवार होने की इजाजत देता है। जाजू ने बताया कि कुछ टिकट एजेंट बिना किसी ऐप्प की मदद से खुद से इस तरह की गणना कर सकते हैं और वे कन्फम्र्ड टिकट उपलब्ध कराते हैं, लेकिन इसके लिए वे बेतहाशा पैसा वसूलते हैं।