नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ओर से शुरू की गई सम-विषम वाहन योजना यात्रियों के लिए मुश्किल की वजह हो सकती है, लेकिन कई कारपूल मोबाइल ऐप ऐसे हैं जो लोगों को उसी रास्ते पर सफर करने वाले अन्य यात्रियों के संपर्क में लाकर उनकी राह आसान बना सकते हैं।
ओ-राही, आइबीबो राइड, ब्लाब्लाकार जैसे मोबाइल ऐप लोगों को इन पर अपने खाते बनाकर एक ही दिशा में जाने वालों की सूची में शामिल लोगों को कार में चलने की पेशकश कर सकते हैं या दूसरों की पेशकश का फायदा उठा सकते हैं।
आज गुड़गांव से नोएडा तक का सफर कारपूलिंग के जरिए तय करने वाले विनीत चटर्जी ने कहा कि सम-विषम वाहन योजना से निश्चित तौर पर कारपूलिंग को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा होगी। उन्होंने कहा कि कम ईंधन लागत और भीड़ को कम करने के अपने स्पष्ट फायदों के बावजूद कारपूलिंग असल में दिल्ली में कभी शुरू ही नहीं हुई।
गाजियाबाद में स्कूल टीचर सपना शुक्ला ने बताया कि सम-विषम फार्मूला और प्रौद्योगिकी आधारित कारपूल विकल्पों ने पहली बार कारपूलिंग की अवधारणा को मुख्यधारा में लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भी इसे एक उपयोगी विकल्प बताया है।