लंदन: आतंकवादियों और कट्टरवादियों ने अपने लिए एक नए और सुरक्षित ठिकाने की तलाश कर ली है। वे भविष्य के हमलों की साजिश रचने, फंड जुटाने व नए समर्थकों की भर्ती करने के लिए 'डार्क नेट' पर सुरक्षित पनाहगाह बना रहे हैं। गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश नीति से संबंधित थिंकटैंक हेनरी जैक्शन सोसाइटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि आतंकवादी संगठन व आतंकी सुरक्षा एजेंसियों व खुफिया एजेंसियों से डार्क नेट के साए में छिपकर रह रहे हैं। वे कोडयुक्त संदेश सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं और धन जुटाने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
यह समूह एक कट्टरपंथी प्रचार समूह बनाने में समर्थ है, जो इसे सुरक्षा सेवाओं या टेक कंपनियों द्वारा नष्ट किए जाने से बच रहे हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि मौजूदा पसंदीदा इनक्रिप्टेड संचार ऐप टेलीग्राम है, जिसका इस्तेमाल करने के लिए इस्लामिक स्टेट ने अपने सदस्यों को प्रोत्साहित किया है। साथ ही IS ने संदेशों के साथ यह भी बताया कि समूह से जुड़ी नई डार्क नेट साइटों तक कैसे पहुंचा जाए। अलकायदा से जुड़े संगठन अल-सदाकह ने नवंबर 2017 में टेलीग्राम पर एक सार्वजनिक चैनल का इस्तेमाल कर बिटकॉइन की फंडिंग के लिए प्रचार किया था।
इस रिपोर्ट की लेखक निकिता मलिक ने कहा, ‘हमने वास्तविक दुनिया में इस्लामिक स्टेट के भू-भाग को भले ही नकार दिया है, लेकिन यह साइबर स्पेस में पूरी तरह से सुरक्षित नया पनाहगाह है, जिसे हमें पहले समझने की जरूरत है और फिर इसे खत्म करना है।’ आपको बता दें कि डार्कनेट एक ऐसा खुफिया साइबर स्पेस होता है जहां तक सिर्फ कुछ विशेष साफ्टवेयर्स के जरिए पहुंचा जाता है। आम लोगों का इन साइबर स्पेस तक पहुंचना लगभग नामुमकिन होता है।