डॉ लू ज़ोन्गशेंग, दुनिया में स्मार्टफोन बनाने वाली बड़ी कंपनियों में से एक कूलपैड के वाइज़प्रेज़िडेंट – बिज़नेस यूनिट्स हैं। दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों में शामिल कूलपैड को नेक्सट लेवल पर ले जाने के लिए वह दिन-रात मेहनत करते हैं, योजनाएं बनाते हैं और फिर अपने एक्पर्ट्स की विशाल टीम के साथ उसे लागू करने में जुट जाते हैं। हमने इस उत्साही औऱ अनुभवी बिज़नेस एक्ज़ेक्यूटिव से जानना चाहा कि कूलपैड भारतीय बाज़ार को किस तरह से देखती है और भारतीय उपभोक्ताओं के लिए आने वाले समय में वह किस तरह के प्रॉडक्ट्स लेकर आने वाली है:
मनोज शर्मा – डॉ लू, सबसे पहले अपनी कंपनी कूलपैड और भारतीय बाज़ार में इसके प्रवेश करने की वजह बताएं।
डॉ लू – भारत दुनिया के सबसे तेज़ी से उभरते बाज़ारों में से एक है। खासतौर से स्मार्टफोन की डिमांड यहां तेज़ी से बढ़ रही है। हम पिछले 14 सालों से मोबाइल हैंडसेट्स बना रहे हैं, हमारे पास स्मार्टफोन के सिक्योरिटी फीचर्स के चीनी ब्रैड्स में सबसे ज़्यादा पेटेंट हैं। हम चाहते हैं कि भारतीय यूज़र्स को भी हमारी विशेषज्ञता का लाभ मिले। दूसरी वजह यह है कि भारतीय बाज़ार बहुत बड़ा है और यहां के यूज़र्स के पास परचेसिंग पॉवर है। यहां विस्तार करके हम अपने प्रॉडक्ट्स के लिए एक बड़ी डिमांड क्रिएट कर सकते हैं।
मनोज शर्मा – कूलपैड में भारतीय बाज़ार की ज़रूरतों को पूरा करने का कितना पोटेंशियल आपको नज़र आता है?
डॉ लू – भारतीय स्मार्टफोन बाज़ार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हम दो तरह से काम कर रहे हैं। पहला, अच्छी क्वालिटी और लेटेस्ट फीचर वाले फोन भारतीय उपभोक्ताओं को देने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरा, भारत में ही हैंडसेट का निर्माण करके स्मार्टफोन की कीमत को कम से कम रखना हमारा लक्ष्य है। हमने पिछले साल जब कूलपैड नोट 3 भारत में लॉन्च किया था, तब वह दस हज़ार रुपए से कम के सेगमेंट में पहला फोन था, जिसमें फिंगर प्रिंट सेंसर का फीचर था। एंड्रॉइड फोन बाज़ार में बहुत सी कंपनियां बेच रही हैं, लेकिन हमारी इसमें बेस्ट सिक्योरिटी फीचर देने में हमारे पास विशेषज्ञता है। हमारे पास स्मार्टफोन में सिक्योरिटी फीचर देने के बहुत से फीचर उपलब्ध हैं।
मनोज शर्मा – भारत में किस एज ग्रुप और सेगमेंट के लोगों में कूलपैड को अपने स्मार्टफोन का खरीददार नज़र आता है? भारत में अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए कूलपैड क्या कदम उठा रही है?
डॉ लू – हमारे फोन हर एज कैटेगरी के लोगों के बीच पॉपुलर हैं, लेकिन हम खासतौर से 20 से 30 साल के बीच के लोगों को ध्यान में रखकर फोन डेवलेप कर रहे हैं। उन्हीं लोगों को ध्यान में रखकर हम लेटेस्ट फीचर स्मार्टफोन में एड कर रहे हैं, क्योंकि इस एज ग्रुप के लोग ही लेटेस्ट फीचर्स के सबसे बड़े यूज़र्स होते हैं। इसके अलावा हम उन्हें स्टाइलिश फोन दे रहे हैं, जो उनके लिए स्टाइल स्टेटमेंट बन सकें।
मनोज शर्मा – वो क्या खूबियां हैं, जो कूलपैड को बाकी प्लेयर्स से अलग करती हैं? स्वाभाविक है, इन बाकी प्लेयर्स में माइक्रोसॉफ्ट, सैमसंग और एचटीसी के साथ-साथ श्याओमी, जियोनी, ओप्पो, विवो और ली ईको जैसी चीनी कंपनियां भी शामिल हैं।
डॉ लू – चीनी ब्रैंड्स और हममें कई समानताएं है, हमारे प्राडक्ट्स के डिज़ाइन्स में भी समानताएं हो सकती हैं, लेकिन फिर भी हम अलग हैं। सबसे पहली बात ये है कि हम पिछले 14 साल से स्मार्टफोन बना रहे हैं और ये ही हमारा प्रमुख बिज़नेस है। हमारे पास बहुत मज़बूत आरएनडी और सप्लाई चेन है। हम सिर्फ स्मार्टफोन पर ही फोकस करते हैं। हमारा और कोई बिज़नेस नहीं है। कूलपैड की हिस्ट्री 23 साल पुरानी है, जिसमें से पिछले 14 साल से हम स्मार्टफोन ही बना रहे हैं। पिछले साल ही हम भारत में दस हजार रुपए से कम की कैटेगरी में फिंगर प्रिंट स्कैनर लेकर आए, आने वाले वक्त में हम और मज़बूत सिक्योरिटी वाले स्मार्टफोन भारत में लेकर आएंगे। सिक्योरिटी हमारा यूएसपी है। हमारे पास इसके कई पेटेंट हैं। चाइनीज़ कंपनियों में सिक्योरिटी रिलेटेड पेटेंट में हम आगे हैं। बहुत जल्द हम ऐसे फोन भारत में लॉन्च करेंगे जो सिक्योरिटी लेवल को और ऊपर तक ले जाएंगे।
मनोज शर्मा – इस फायनेंशियल ईयर में आपका भारत में कितने हैंडसेट बेचने का लक्ष्य है?
डॉ लू – हमारा लक्ष्य बहुत ज़्यादा फोन बेचने के बजाय क्वालिटी फोन बेचना है, क्योंकि हम लंबे समय तक भारतीय यूज़र्स के साथ जुड़े रहना चाहते हैं। इसलिए उनकी ज़रूरतों को स्टडी करके हम उनके लिए खासतौर पर प्रॉडक्ट बनाना चाहते हैं। इसलिए हमने अपने लिए सिर्फ 5 मिलियन स्मार्टफोन बेचने का लक्ष्य रखा है।
मनोज शर्मा – जैसा कि आपने बताया था कि आप भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया योजना में भागीदार बन चुके हैं और भारत में हैंडसेट्स का निर्माण भी कर रहे हैं। तो ये बताएं कि भारत में कितने लोग कूलपैड में काम करते हैं?
डॉ लू – जी हां, हम इंडियन पीएम की मेक इन इंडिया योजना में पार्टनर बने हैं। हम वीडियोकॉन के साथ मिलकर भारत में ही अपने सभी फोन्स का निर्माण कर रहे हैं। हमने भारत में अब तक जो भी फोन लॉन्च किए हैं, वे भारत में ही बने हैं और आगे भी भारत में एक अत्याधुनिक रिसर्च एंड डेवेलपमेंट सेंटर खोलने की हमारी योजना है।
मनोज शर्मा – कूलपैड नोट 3 जैसे हाईटेक फीचर्स वाले फोन को आपने जिस कीमत पर बाज़ार में उतारा था, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आपकी कंपनी अग्रेसिव प्राइसिंग पॉलिसी पर चल रही है। यह इस बात से भी स्पष्ट है कि कूलपैड पहली कंपनी थी जिसने फिंगर प्रिंट सेंसर से युक्त स्मार्टफोन 10,000 रुपए से भी कम कीमत में भारतीय बाज़ार में उतारा था। इतनी अग्रेसिव प्राइसिंग पॉलिसी से कूलपैड लाभ कैसे कमाएगी?
मोबाइल हैंडसेट्स का निर्माण और बेहतरीन सप्लाई चेन कूलपैड के डीएनए में है और अब हमने वीडियोकोन के साथ पार्टनरशिप की है भारत में ही प्रॉडक्ट्स को असेंबल करने के लिए। जहां तक आने वाले तीन सालों में भारत में हमारी स्ट्रैटेजी का सवाल है। हमने भारतीय बाज़ार में ऑनलाइन चैनल के ज़रिये प्रवेश किया। इस साल भी हमारा फोकस ऑनलाइन ही रहेगा और अमेज़न के साथ हमारी पार्टनरशिप और मज़बूत होगी। भारतीय ऑनलाइन बाज़ार बहुत कुछ दो साल पहले के चीनी ऑनलाइन बाज़ार जैसा ही है, क्योंकि तब चीन में भी ऑनलाइन माक्रेट में सुपर हाई ग्रोथ देखी गई थी। साथ में यह भी है कि ऑनलाइन बिज़नेस कूलपैड ब्रांड को तेजी से यूज़र बेस बनाने में मदद करेगा और ब्रैंड रेप्यूटेशन को भी बढ़ाएगा।
दरअसल दक्षिण-पूर्व एशिया, इंडोनेशिया और विएतनाम में हम खासतौर से ऑफलाइन बिज़नेस पर फोकस कर रहे थे और वहां हमें काफी सफलता मिली। इस साल से हमने भारत में भी ऑफलाइन माक्रेट की तलाश शुरू कर दी है। केवल ऑनलाइन बिज़नेस हमें संतुष्ट नहीं कर सकेगा। हम विशाल ऑफलाइन बिज़नेस संभावनाओं की अनदेखी नहीं कर सकते।
भारत कूलपैड के लिए चीन के बाहर सबसे बड़ी प्राथमिकता बन चुका है। हमारा हेडऑफिस भारत में संसाधन और मैनपॉवर पर हेवी इनवेस्टमेंट करेगा। खासतौर से 2016 में हमने 5 मिलियन हैंडसेट्स बेचने का लक्ष्य रखा है। ये कोई बहुत बड़ा नंबर नहीं है, लेकिन भारत में हमारा ब्रैंड नया है, तो धीरे-धीरे आगे बढ़ना ठीक रहेगा। जल्द ही हम 6-8 नए प्रॉडक्ट्स लॉन्च करेंगे, जिनमें बजट स्मार्टफोन से लेकर हाईएंड फ्लैगशिप फोन तक शामिल होंगे। इनमें से कुछ प्रॉडक्ट्स ऑफलाइन उपलब्ध होंगे।