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आईटी विकास में स्टार्ट-अप, डिजिटल इंडिया का रहा बोलबाला

बेंगलुरू: स्टार्ट-अप क्रांति और सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का वर्ष 2015 में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग में बोलबाला रहा है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर सर्विसिस एंड कंपनी (नैसकाम) के अध्यक्ष आर. चंद्रशेखर ने

IANS
Updated on: December 29, 2015 21:55 IST
Start-ups in IT development, digital India dominated India- India TV Hindi
Start-ups in IT development, digital India dominated India

बेंगलुरू: स्टार्ट-अप क्रांति और सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का वर्ष 2015 में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग में बोलबाला रहा है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर सर्विसिस एंड कंपनी (नैसकाम) के अध्यक्ष आर. चंद्रशेखर ने यहां आईएएनएस से कहा, "सॉफ्टवेयर सेवा और उत्पाद आधारित उद्योग के इस साल भी 12-14 फीसदी विस्तार करने की संभावना है। लेकिन स्टार्टअप और डिजिटल भारत कार्यक्रम के उभार ने खेल के नियम बदल डाले हैं।"

इस साल जहां सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के समागम से कंनियां नए-नए उत्पाद पेश करने और क्लाउड आधारित सेवा देने में कामयाब रहीं, तो वहीं प्रौद्योगिकी पेशेवरों ने एक-के-बाद-एक एप पेश किए। बेंगलुरू देश की स्टार्टअप राजधानी बना रहा और कर्नाटक सरकार ने स्टार्ट-अप नीति घोषित की तथा नैसकॉम के साथ मिलकर सैकड़ों स्टार्ट-अप पैदा करने के लिए दो केंद्र खोले।

इंफोसिस के पूर्व निदेशक और मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसिस के अध्यक्ष टी.वी. मोहनदास पई ने आईएएनएस से कहा, "यदि डिजिटल इंडिया पहल तेजी से आगे बढ़ती है, तो स्टार्ट-अप को और बढ़ावा मिलेगा तथा अगले 10 वर्षो में एक लाख स्टार्ट-अप पैदा होंगे, जिसमें 35 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।" पई मानते हैं कि इनमें से सिर्फ 10 फीसदी स्टार्टअप ही सफल होंगे, लेकिन इनमें विशाल संख्या में रोजगार पैदा होगा।

नैसकॉम के मुताबिक, अभी देश में 75 अरब डॉलर मूल्य के 18 हजार स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं, जिनमें तीन लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। पई के मुताबिक, "स्टार्ट-अप उद्योग अगले 10 वर्षो में 500 अरब डॉलर का हो जाएगा।" पूरी दुनिया में प्रौद्योगिकी खर्च में गिरावट के बावजूद इस साल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसिस (टीसीएस), कॉग्निजेंट, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल जैसी प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनियों की आय साल-दर-साल आधार पर 5-10 फीसदी बढ़ी है।

नैसकॉम के अनुमान के मुताबिक, 31 मार्च, 2016 तक सूचना प्रौद्योगिकी निर्यात 12-14 फीसदी बढ़कर 110-112 अरब डॉलर का हो जाएगा और इसका घरेलू बाजार 15-17 फीसदी बढ़कर 55-57 अरब डॉलर हो जाएगा।

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