आज आप अपने फ़ोन से बैंकिंग से लेकर शॉपिंग कर सकते हैं और फ़ेसबुक पर दोस्तों से मिल भी सकते हैं लेकिन इसके लिये आपका फ़ोन सेक्योर होना चाहिये। बदक़िस्मती से एक जनवरी 2016 से एक ऐसी समस्या आने वाली है कि जिनके फ़ोन पांच साल पुराने हैं वे इंटरनेट की सुविधा से वंचित हो जाएंगे। ये समस्या विकासशील देशों में सबसे ज़्यादा होगी।
दरअसल 1 जनवरी को मौजूदा "क्रिप्टोग्राफ़िक हैशिंग एलगोरिदम" को नये वर्जन से बदला जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वर्जन SHA-1 सुरक्षित नहीं है इसलिये नया वर्जन SHA-2 तैयार किया है जो 1 जनवरी से चालू हो जाएगा। इस नये वर्जन से चूंकि पुराने फ़ोन मेल नहीं खाएंगे इसलिये ऐसे फ़ोन से आप इंटरनेट सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
चीन में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले करीब 6 प्तिशत लोग वो साइट नहीं खोल पाएंगे जो इनक्रिप्टेड हैं। नये वर्जन से तीन करोड़ 70 लाख लोग प्रभावित होंगे। इनमें ज़्यादातर विकासशील देश के लोग हैं।
फ़ेसबुक सहित कई संगठनों ने कहा है कि वे वैकल्पिक योजना चाहेंगे। क्लाउडफ़्लेअर के CEO मैथ्यू प्रिंस का कहना है कि सिलिकन वैली में लगभग हर कर्मचारी को हर साल नया लैपटॉप मिलता है और पांच साल पुराने फ़ोन की बात तो सोची भी नहीं जा सकती लेकिन दुनियां भर में अरबों लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं और ज़्यादातर के पास नयी टैक्नॉलॉजी नही है।
बहरहाल ये योजना नये साल से लागू होने जा रही है और अगर आपने अपने फ़ोन को अपग्रेड नहीं किया है तो बेहतर है कर लें वरना इंटरनेट के सुख से वंचित हो जाएंगे।