वॉशिंगटन: नासा के इनसाइट मार्स लैंडर की निगरानी के लिए विकसित दुनिया के पहले छोटे उपग्रह सफलतापूर्वक लाल ग्रह की तरफ बढ़ गए हैं। NASA की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि क्यूबसैट्स मार्को-ए एवं मार्को-बी पिछले एक सप्ताह से अपनी प्रणोदन प्रणाली (प्रोपल्शन सिस्टम) का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे मंगल की दिशा प्राप्त करने के लिए इस प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं। इस प्रक्रिया को प्रक्षेप पथ सुधार अभ्यास (ट्रैंजेक्टरी करेक्शन मनूवर) कहा जाता है।
प्रक्षेप पथ सुधार अभ्यास अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपण के बाद मंगल ग्रह की तरफ अपने पथ की दिशा में सुधार की अनुमति देता है। दोनों क्यूब सैट ने इस अभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा किया। इन दोनों छोटे उपग्रहों को इनसाइट लैंडर के साथ 5 मई को प्रक्षेपित किया गया था। इन्हें मंगल के रास्ते में बढ़ने के दौरान इनसाइट का पीछा करने के लिये डिजाइन किया गया है। इसका लक्ष्य इनसाइट के ग्रह के वातावरण में प्रवेश करने और उसपर उतरने के दौरान उसके बारे में वापस डाटा भेजना है।
ये दोनों क्यूब सैट मार्स क्यूब वन (मार्को) मिशन का हिस्सा हैं। इनसे कभी विज्ञान संबंधी आंकड़े हासिल करने की मंशा नहीं थी। वे लघु स्तर पर संचार और दिशा सूचना के बारे में जांच हैं जो अन्य ग्रहों पर भेजे जाने वाले भविष्य के क्यूब सैट का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। अमेरिका में नासा के जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में प्लैनेटरी स्मॉल सैट्स के प्रोग्राम मैनेजर जॉन बेकर ने बताया कि मार्को-ए और मार्को-बी ने पिछले कुछ सप्ताह में सफलतापूर्वक संचार परीक्षण को पूरा किया। जेपीएल ने ही दोनों मार्को क्यूब सैट्स का निर्माण किया है और मिशन की अगुवाई कर रहा है।