नई दिल्ली: सर्च इंजन गूगल ने शुक्रवार को पद्म भूषण से सम्मानित जानी-मानी शास्त्रीय नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई को उनकी 100वीं जंयती पर डूडल के जरिए श्रद्धांजलि दी। इस खूबसूरत डूडल में मृणालिनी छतरी पकड़े हुए दर्पण एकेडमी ऑफ पर्फार्मिग आर्ट्स ऑडिटोरियम में खड़ी नजर आ रही हैं, जबकि पृष्ठभूमि में उनकी 3 छात्राएं नृत्य करती नजर आ रही हैं। कत्थकली और भरतनाट्यम में माहिर मृणालिनी का जन्म 11 मई 1948 को केरल में हुआ था। उनके पिता एस. स्वामीनाथन मद्रास उच्च न्यायालय में वकील थे और मां ए.वी. अम्माकुट्टी सामाजिक कार्यकर्ता थीं।
मृणालिनी ने छोटी उम्र में दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम और कत्थकली सीखना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी नृत्य कला की शुरुआत स्विट्जरलैंड से की जहां डैलक्रूज स्कूल में वह नृत्य की पश्चिमी तकनीक से वाकिफ हुईं। इसके बाद वह शिक्षा प्राप्त करने शांतिनिकेतन गईं जहां रवींद्रनाथ टैगोर की छत्रछाया में उन्होंने अपने जीवन का मतलब समझा। वह थोड़े समय के लिए ‘अमेरिकन एकेडमी ऑफ ड्रामैटिक आर्ट्स’ भी गईं और वापस लौटने पर मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम, गुरू ठकाजी कुंजु कुरूप से कथकली और अमूबी सिंह से मणिपुरी के गुर सीखे।
साल 1942 में उन्होंने जाने-माने भौतिकविज्ञानी विक्रम साराभाई से शादी की, जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं। उनके बच्चों कार्तिकेय और मल्लिका ने भी नृत्य और रंगमंच में करियर बनाया। साल 1949 में मृणालिनी ने पति के साथ मिलकर अहमदाबाद और गुजरात में दर्पण एकेडमी की स्थापना की। उन्होंने तीन दशक से ज्यादा के करियर में करीब 18,000 छात्र-छात्राओं को नृत्य में प्रशिक्षित किया और 300 से ज्यादा नृत्य नाटकों का निर्देशन किया। अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘द वायस ऑफ हार्ट’ में मृणालिनी ने खुलासा किया है कि 5 साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी मां से कह दिया था कि ‘मैं एक डांसर हूं।’
उन्होंने देश और विदेश दोनों में अपने नृत्य से लोगों का दिल जीता और उनकी इस लोकप्रियता का ही नतीजा है कि सर्च इंजन ने उन्हें डूडल बना याद किया है। मृणालिनी को 1965 में पद्म श्री और 1992 में पद्म भूषण से नवाजा गया। उन्हें 1994 में संगीत नाटक एकेडमी फेलोशिप मिला। साल 2013 में उन्हें केरल सरकार के वार्षिक पुरस्कार निशागांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 21 जनवरी 2016 को 97 वर्ष की आयु में मृणालिनी दुनिया से रुखसत कर गईं।