नई दिल्ली: इन दिनों हम एक खास चीज के बारे में अक्सर सुन रहे हैं और वह है आर्टिफिशल इंटेलिजेंस या एआई। यह तकनीक सहूलियतों के साथ-साथ तमाम आशंकाएं भी लेकर आ रही है। इसी बीच रिपोर्ट आ रही है कि एशियाई उद्यमी अपने कारोबारी मॉडल को नए तरीके से संचालित करने के लिए तेजी से AI को अपना रहे हैं। और एशियाई मुल्कों में दो देश हैं जिनका इसपर खासा ध्यान है, और वे हैं भारत और चीन। यह बात बुधवार को एक हालिया शोध के नतीजों से सामने आई है।
इस रिसर्च के मुताबिक, चीन और भारत में 2016 और 2017 के बीच आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर हुए निवेश में काफी इजाफा हुआ है। चीन ने जहां इस क्षेत्र में निवेश 31 पर्सेंट से बढ़ाकर 61 पर्सेंट कर दिया है, वहीं भारत में यह 29 पर्सेंट से बढ़कर 69 पर्सेंट हो गया है। रिसर्च में कहा गया है कि भारतीय सिस्टम्स इंटीग्रेटर्स भी सक्रियता से एआई कंसोर्टियम जैसे ओपन AI में हिस्सा ले रहा है। मौजूदा प्रौद्योगिकी कंपनियों, स्टार्ट-अप और अकादमिक समुयदायों में सरकार समर्थित AI के जरिए नवाचार हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 अक्टूबर को कहा था कि AI, बॉट्स और रोबॉट्स उत्पादकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा था कि AI मेड इन इंडिया और मेड टू वर्क फॉर इंडिया अर्थात यह भारत में निर्मित व भारत के लिए निर्मित होना चाहिए। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को बजट भाषण के कहा था कि नीति आयोग अनुसंधान व विकास समेत AI पर राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करेगा।