![Rajnath Singh with BS Bassi during the launch of 'Himmat' | PTI Photo](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली: 'हिम्मत' ऐप को दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए जोर-शोर से लॉन्च किया गया था, लेकिन क्या आपको पता है कि यह अपने उद्देश्य में कितना सफल रहा है? इसकी सफलता के बारे में संसदीय समिति का मानना है कि इस पर बहुत कम संख्या में लोगों ने अपना पंजीकरण कराया है, ऐसे में यह अपने उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की अगुवाई वाली संसद की गृह मामलों की स्थायी समिति ने कहा कि लक्षित समूह में बिना पर्याप्त प्रचार के इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी करना संभव नहीं होगा।
गुरुवार को समिति ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘1.9 करोड़ लोगों की जनसंख्या वाले इस शहर में सिर्फ 30,821 उपयोक्ता होने से महिलाओं की सुरक्षा के मामले में SOS के रूप में कार्य करने में यह ऐप बुरी तरह विफल रहा।’ समिति ने पाया कि जटिल रजिस्ट्रेशन प्रोसेस और हिंदी में इस ऐप की अनुपलब्धता की वजह से इस ऐप के यूजर्स की संख्या नहीं बढ़ी। समिति ने दिल्ली पुलिस को प्रस्ताव दिया था कि वह इस ऐप को दोबारा डिजाइन करें और इसे सामान्य बनाएं। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि समिति के सलाहों को देखते हुए इस ऐप को दोबारा डिजाइन किया गया और इसका नया वर्जन उपयोगकर्ताओं के लिए आसान है और यह हिंदी में भी उपलब्ध है।
कैसे काम करता है हिम्मत ऐप:
हिम्मत ऐप को दिल्ली पुलिस ने खासतौर पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया है। इस मोबाइल ऐप को प्ले स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। हिम्मत ऐप के जरिए शिकायतकर्ता कुछ ही सेकंड में पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ जाते हैं। इस ऐप में मौजूद एमर्जेंसी नंबर दबाने पर यह आपके रजिस्टर्ड नंबर के साथ-साथ पुलिस कंट्रोल रूम को SMS भेजता है। इस SMS के बाद आपके मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस आप तक पहुंच सकती है। इस सुविधा के अलावा यह ऐप अन्य कई जरूरी फीचर्स से भी लैस है।