वाशिंगटन: दुनिया के अरबों लोग इंटरनेट से महरूम हैं और दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल ऐसे लोगों को दुनिया की मुख्यधारा से जोड़ना चाहता है। कई जगह परीक्षण करने के बाद गूगल ने अब इंडोनेशिया में उन तबकों तक इंटरनेट पहुंचाने का फैसला किया है, जिनके पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं हैं या हैं ही तो बहुत स्लो हैं।
क्या है गूगल का लून इंटरनेट प्रोजेक्ट
इंटरनेट से वंचित लोगों तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए गूगल की नई कंपनी अल्फाबेट ने इंडोनेशिया के सुदूरवर्ती इलाकों में सैकड़ों नेट बीमिंग बैलूनों (गुब्बारा संचालित इंटरनेट) की सहायता से वेब संपर्क बढ़ाने की कोशिश की है औऱ इसके लिए देश की तीन महत्वपूर्ण दूरसंचार कंपनियों के साथ गठबंधन किया है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक यह पहल अल्फाबेट के रिसर्च डिपार्टमेंट शोध प्रभाग गूगल एक्स के प्रोजेक्ट लून का हिस्सा है, जो स्वत: संचालित कारों सहित महत्वाकांक्षी विचारों के माध्यम से कार्य करता है।
गूगल के को-फाउंडर समझते हैं सुविधाओं से वंचित लोगों का दुख
गूगल के सह संस्थापक सेर्जे ब्रिन ने कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू स्थित गूगल एक्स के मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि परिवारों व मित्रों से संपर्क नहीं हो पाना या वैश्विक संपर्क न बना पाना बेहद प्रतिकूल परिस्थिति है। इस संवाददाता सम्मेलन में प्रोजेक्ट लून के उपाध्यक्ष माइक केसिडी तथा इंडोनेशिया के तीनों मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों- इंडोसैट, टेलकॉमसेल व एक्सएल एशियाटा के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
बैलून से इंटरनेट पहुंचाने का ब्राज़ील, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में सफल परीक्षण
इंडोनेशिया दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला चौथा देश है, जहां 25.5 करोड़ लोग रहते हैं, जिनमें से दो तिहाई लोग इंटरनेट से अछूते हैं। केसिडी ने कहा कि पहल को पहले ब्राजील, न्यूजीलैंड तथा ऑस्ट्रेलिया में एकमात्र सेवा प्रदाता के साथ परीक्षण कर लिया गया है।
पूरी दुनिया में तैनात हैं लून इंटरनेट प्रोजेक्ट के बैलून
केसिडी ने आगे कहा कि लगभग एक हजार बैलून पहले ही दुनिया भर में तैनात कर लिए गए हैं, जो लगभग 2 करोड़ किलोमीटर की उड़ान भर चुके हैं, जबकि कुछ ने तो दुनिया का 20 बार चक्कर लगा लिया है।
पहले चरण में 10 करोड़ लोगों तक इंटरनेट पहुंचाना है गूगल की योजना
केसिडी के अनुसार दुनियाभर में चार अरब लोग अभी तक इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं। गूगल एक्स की योजना अगले कुछ साल में 10 करोड़ लोगों तक पहुंच बनाने की है। इसके लिए गूगल दुनिया भर में इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों से समझौता करके ऐसे स्थानों पर इंटरनेट पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, जहां अभी इंटरनेट नहीं है या उसकी क्वालिटी बेहद खराब है।
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