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गूगल डूडल ने मनाई 'लूसी' की 41वीं वर्षगांठ

न्यूयार्क: गूगल डूडल की ओर से मंगलवार को प्रारंभिक मानवों के (एनसेस्सटर) पूर्वजों की खोज की 41वीं वर्षगांठ को मनाया गया। सर्च इंजन गूूगल में 32 लाख सालों पुराने ऐप (बंदर) एनसेस्टर 'लूसी' की आकृति

IANS
Updated on: November 24, 2015 15:57 IST
गूगल डूडल ने मनाई...- India TV Hindi
गूगल डूडल ने मनाई 'लूसी' की 41वीं वर्षगांठ

न्यूयार्क: गूगल डूडल की ओर से मंगलवार को प्रारंभिक मानवों के (एनसेस्सटर) पूर्वजों की खोज की 41वीं वर्षगांठ को मनाया गया। सर्च इंजन गूूगल में 32 लाख सालों पुराने ऐप (बंदर) एनसेस्टर 'लूसी' की आकृति का डूडल दिखाई दे रहा है। लूसी ऑस्ट्रैलोपिथेकस एफ्रेन्सिस का प्रथम अवशेष था जो केवल 40 प्रतिशत ही प्राप्त हुआ था, जिसके आधार पर 'लूसी' की खोज की गई थी। यह विलुप्त होमिनिड करीब 29 से 39 लाख साल पहले पाए जाते थे।

मानवता की खोज करते समय 41 साल पहले दो पैरों पर खड़ा होने वाला बंदर, विशाल बंदर और होमो सेपियन्स का वजूद सामने आया था। जीवाश्म विज्ञानी डोनल्ड सी जॉनसन ने 'लूसी' को इथियोपिया की धरती से निकाला था जो दो पैरों पर खड़ा होने वाला बंदर का सबसे पुराना उदाहरण है।

नेशनल जियोग्राफिक के मुताबिक, "लंबे हाथ-पैर वाले ये प्रीमेट्स बंदर और मानवों की आकृतियों का समिश्रण थे। इनकी लंबाई लगभग तीन फुट तक होती थी।" 'लूसी' के अध्ययन से यह भी साबित हुआ था कि नर अफ्रेन्सिस मादा की तुलना में बड़े होते थे। विकसित दांतों, पैरों जैसे कई कारकों से साबित हुआ था कि 'लूसी' पूरी तरह विकसित जीव था। 'लूसी' की हड्डियां इथियोपिया के एक संग्राहलय में सुरक्षित रूप से रखी गई हैं।

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