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जानें, कौन थे आज गूगल डूडल पर दिन भर छाए रहने वाले नैन सिंह रावत

दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल के होमपेज पर शनिवार को नैन सिंह रावत पर बना डूडल छाया हुआ है। पर क्या आप जानते हैं कि नैन सिंह रावत कौन थे?

Edited by: India TV News Desk
Updated : October 21, 2017 17:50 IST
Nain Singh Rawat Doodle
Nain Singh Rawat Doodle

नई दिल्ली: दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल के होमपेज पर शनिवार को नैन सिंह रावत पर बना डूडल छाया हुआ है। पर क्या आप जानते हैं कि नैन सिंह रावत कौन थे? नैन सिंह रावत वह शख्स थे जिन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत हिमालय में नए रास्तों की खोज की। वह पहले ऐसे शख्स थे जिसने तिब्बत का मानचित्र बनाया। रावत की प्रतिभा का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आज से लगभग 150 साल पहले ब्रिटिश शासनकाल के दिनों में ब्रिटिश लोग भी उनकी बहुत इज्जत करते थे। यही वजह है कि 19वीं सदी के इस महान भारतीय खोजी की उपलब्धियों और उनके 187वें जन्मदिन का जश्न Google ने शनिवार को डूडल के साथ मनाया। 

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, नैन सिंह तिब्बत का सर्वेक्षण करने वाले पहले व्यक्ति थे। तिब्बती भिक्षु के रूप में प्रसिद्ध रावत कुमाऊं क्षेत्र के अपने घर से काठमांडू, ल्हासा और तवांग तक गए। ब्रिटिश 19वीं शताब्दी में तिब्बत का नक्शा बनाना चाहते थे लेकिन उस समय यूरोपीय लोगों का हर जगह स्वागत नहीं हुआ करता था। तिब्बत में तो हालात और भी खराब है। वहां किसी भी बाहरी व्यक्ति को आने की इजाजत नहीं थी। यदि कोई चोरी-छिपे पहुंच भी जाता था, तो उसे मौत की सजा दी जाती थी। ऐसी खतरनाक परिस्थितियों के बीच नैन सिंह ने वह कर दिखाया जो उस दौर में बेहद ही कठिन काम माना जाता था।

Nain Singh Rawat

Nain Singh Rawat

नैन सिंह रावत।

रावत भौगोलिक अंवेषण में प्रशिक्षित, उच्च शिक्षित और बहादुर स्थानीय पुरुषों में से एक थे। उन्होंने ल्हासा के सटीक स्थान और ऊंचाई को निर्धारित किया, त्सांगपो का नक्शा बनाया और थोक जालुंग की सोने की खदानों के बारे में बताया। गूगल ने नैन सिंह रावत के बारे में बात करते हुए कहा, ‘उन्होंने एक सटीक माप गति को बनाए रखा। उन्होंने 2,000 चरणों में एक मील को पूरा किया और एक माला का उपयोग करके उन चरणों को मापा। उन्होंने अपनी प्रार्थना चक्र और कौड़ी के खोल में एक कंपास छिपाया और यहां तक लोगों के एक भिक्षु के रूप में भ्रम में भी डाले रखा।’

रावत का जन्म 21 अक्टूबर 1830 में कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के मिलम गांव में हुआ था। उन्हें हिंदी, तिब्बती, फारसी और अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान था। शनिवार को गूगल के डूडल में रावत को चित्रित किया। उन्होंने एक अकेले और साहसी व्यक्ति को दूर तक देखते हुए दिखाया है। व्यक्ति के हाथ में माला है औ उसके पास एक लाठी भी रखी हुई है। आपको बता दें कि 27 जून 2004 में नैन सिंह रावत पर एक स्टैंप भी जारी किया गया था।

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