सैन फ्रांसिस्को: फेसबुक के एक पूर्व कर्मचारी ने ओवरटाइम नहीं देने के लिए कथित रूप से कर्मचारियों का गलत वर्गीकरण करने के लिए सोशल मीडिया दिग्गज को अदालत में घसीटा है। arstechnica.com पर सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक के शिकागो कार्यालय में क्लाइंट सोल्यूशन प्रबंधक रहीं सुसी बिगर ने आरोप लगाया है कि उन्हें और कई अन्य कर्मचारियों को Facebook ने गैर कानूनी तरीके से प्रबंधक के रूप में वर्गीकृत किया, ताकि उन्हें 'ओवरटाइम के लिए मिलनेवाले मुआवजे' से वंचित किया जा सके।
अमेरिका की एक अदालत में दायर क्लॉस ऐक्शन मुकदमे में फेसबुक के कई कर्मचारियों की तरफ से नुकसान का मुआवजा, वेतन और वकील के शुल्क का भुगतान करवाने की मांग की गई है। फेसबुक ने arstechnica.com को बताया, ‘इस मुकदमे में दम नहीं है और हम मजबूती के साथ अपना पक्ष रखेंगे।’ इस मुकदमे में ओवरटाइम देने से बचने के लिए फेसबुक द्वारा क्लाइंट समाधान प्रबंधक, ग्राहक समधान प्रबंधक, ग्राहक खाता प्रबंधक और इसी तरह के अन्य पदों के जरिए कंपनी द्वारा कर्मचारियों के गलत वर्गीकरण का आरोप लगाया गया है।
गौरतलब है कि फेसबुक इस समय दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है। फेसबुक के सीईओ और को-फाउंडर मार्क जकरबर्ग दुनिया की सबसे अमीर शख्सियतों में से एक हैं। हालिया वर्षों में फेसबुक के शेयरों में भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है जिसकी वजह से मार्क जकरबर्ग की संपत्ति में भी तेजी से इजाफा हुआ है। फेसबुक को इस बार की तिमाही में भी रिकॉर्ड लाभ कमाने की उम्मीद है।